कृषि ऋण

अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों, जिसमें कृषि एक प्रमुख क्षेत्र है, को उचित ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था। सर्वांगीण विकास को गति देने के लिए पर्याप्त मात्रा में धन की आवश्यकता होती है। सरकार ने बैंकों को निर्देश दिया कि कृषि क्षेत्र में ऋण आवंटन को प्राथमिकता दें। पंचवर्षीय योजना में कृषि के लिए विशेष बज़ट आवंटन के मद्देनजर किसानों पर निर्भर है कि वे बैंको द्वारा प्रदत्त योजना से किस हद तक लाभ उठाते हैं।

बजट में मिल सकता है किसानों को व्याज रहित ऋण का तोहफा

बजट में मिल सकता है किसानों को व्याज रहित ऋण का तोहफा

किसानों की दुगनी आय करने के लिए केन्द्र में भाजपा सरकार जल्दी ही व्याज रहित ऋण की घोषणा कर सकती है।किसानों को ऋण माफी के स्थान पर व्याज रहित ऋण देने की योजना सरकार बना रही है।
ब्याज मुक्त केसीसी पर तो अभी फैसला होना बाकी है। फिलहाल खेती-किसानी के लिए सबसे सस्ता ब्याज केसीसी से ही मिलता है । सिर्फ 4 फीसदी ब्याज लगता है । कोई भी साहूकार इतने कम रेट पर किसी को कर्ज नहीं दे सकता।

राज्यों के सहयोग के बगैर कृषि क्षेत्र में सुधार संभव नहीं

राज्यों के सहयोग के बगैर कृषि क्षेत्र में सुधार संभव नहीं

कृषि क्षेत्र में सुधार की सख्त जरूरत है, जिसमें राज्यों का दायित्व ज्यादा है। कृषि को घाटे से उबारने और नई दिशा देने के लिए एक नई नीति की तत्काल जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर गठित मुख्यमंत्रियों की उप समिति ने बृहस्पतिवार को अपनी पहली बैठक में इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया। कृषि क्षेत्र में निवेश न होना सबसे बड़ा संकट है, जिसे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

भूमिहीन किसानों को भी मिलेगा बैंकों से कृषि ऋण

भूमिहीन किसानों को भी मिलेगा बैंकों से कृषि ऋण

बटाईदारी और पट्टेदारी पर खेती करने वाले भूमिहीन किसानों को भी अब बैंकों और सहकारी समितियों से कृषि ऋण मिलने का रास्ता खुल जाएगा।

आगामी वित्त वर्ष के आम बजट में यह प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए सभी जरूरी वैधानिक कदम उठाए जाएंगे। ऐसे किसानों को फिलहाल खेती के लिए सूदखोरों पर निर्भर रहना पड़ता है।

आम बजट में लैंड लाइसेंस्ड कल्टीवेटर एक्ट पारित कराने का प्रस्ताव है। खेती की चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार आम बजट में कुछ पुख्ता प्रबंध करने की तैयारी में है।