खेती-किसानी

खेती
कृषि की वह विधि है जो संश्लेषित उर्वरकों एवं संश्लेषित कीटनाशकों के अप्रयोग या न्यूनतम प्रयोग पर आधारित है तथा जो भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाये रखने के लिये फसल चक्र, हरी खाद, कम्पोस्ट आदि का प्रयोग करती है
खेती-बाड़ी का काम यहाँ पर प्राय: प्राचीन ढ़ंग से होता है। पहाड़ों की ढालों में काट-काटकर खेत बनाये गये हैं, जिनमें अनाज बोया जाता है। जहाँ कहीं हो सकता है, पर्वतीय नदियों से नाला काटकर नहर ले जाता हैं, जिन्हें 'गुल' कहते हैं। उनसे सिंचाई होती है। कहीं-कहीं पहाड़ की घाटियों में नदी के किनारे बड़ी उपजाऊ जमीने हैं। ये 'सेरे' कहे जाते हैं। जिस जमीन में पानी से सिंचाई नहीं हो सकती, वह 'उपजाऊ' कहलाती है। गाँव के हिस्से 'तोक, सार, टाना' आदि नामों से पुकारे जाते हैं। 

 

हिन्दुस्तान की मिट्टी में सबसे ज्यादा पैदावार: राधामोहन

हिन्दुस्तान की मिट्टी में सबसे ज्यादा पैदावार: राधामोहन

देश में दलहन-तिलहन की दर्जनों फसलें हैं, जिनकी काफी पैदावार होती है। लगातार अंडा, मछली और दूध उत्पादन में भी ग्रोथ हो रही है। इससे स्पष्ट है कि हिंदुस्तान की मिट्टी में सबसे ज्यादा पैदावार है। यह कहना है केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह का।

सोमवार को इंदिरा गांधी कृषि विवि के आठवें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे राधामोहन ने कहा कि भारत सरकार ने कृषि शिक्षा का बजट 405 से 570 करोड़ रुपए कर दिया है। 10 नए कृषि विवि की स्थापना की गई है।

उत्तरप्रदेश बजट में खेती-किसानी

उत्तरप्रदेश बजट में खेती-किसानी

जबसे पतवारों ने मेरी नाव को धोखा दिया, मैं भंवर में तैरने का हौसला रखने लगा’ की पंक्ति पढ़कर बजट भाषण शुरू करने वाले अखिलेश ने वित्त वर्ष 2016-17 को ‘किसान वर्ष एवं युवा वर्ष’ घोषित करने का निर्णय लिया है।  विधानसभा में पेश भारी-भरकम बजट में सौगातों की बारिश की.  वित्त वर्ष 2016-17 के लिए तीन करोड़ 46 लाख 935 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 14.6 प्रतिशत अधिक है.

तीन प्रतिशत पर कृषि ऋण

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