जलवायु परिवर्तन से परेशान खेती छाेड़ रहे किसान

जलवायु परिवर्तन से परेशान  खेती छाेड़ रहे किसान

लगातार कृषि क्षेत्र में कमी आ रही है।  देश में एग्रीकल्चरल एरिया 11.81 फीसदी घट गया है। इसका प्रमुख कारण है जलवायु परिवर्तन। जलवायु परिवर्तन की वजह से किसान खेती करने से भाग रहे हैं और कृषि भूमि पर भी खेती नहीं कर रहे हैं।
उत्पादन क्षमता पर असर
बारिश की स्थिरता न होने और सिंचाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण भी यहां की उत्पादन क्षमता पर असर पड़ा है। कुछ दिन पूर्व टेरी और जीजीजीआई ने अपने शोध में चार मुख्य बिंदुओं पर बल दिया है। इनमें क्लाइमेट वेरियबीलिटी, पावर जनरेशन, मिट्‌टी और पानी और सेक्टर वाइज चैलेंज और ओपरच्यूनिटिज पर विस्तार से शोध कर रिपोर्ट पेश की है। भौगोलिक क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश का 1.7 फीसदी हिस्सा है।
क्लीन एनर्जी-हाइड्रोपावर के बहुत स्कोप
फ्लोरा में 7.3 फीसदी और फोना में 7.4 फीसदी हिस्सेदारी है। जबकि प्रदेश के 67 फीसदी क्षेत्र को फोरेस्ट कवर एरिया घोषित किया है। टेरी की ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया कि हिमाचल में क्लीन एनर्जी-हाइड्रोपावर के बहुत स्कोप हैं। हिमाचल प्रदेश के 35 फीसदी खुले आैर झाड़ीनुमा वन डिग्रेडेशन के शिकार हैं। इसके पीछे मुख्य कारण वनों की आग, बालन और इमारती लकड़ी की जरूरतों को पूरा करना, फोरेस्ट प्रोडक्ट का दोहन और एनक्रोचमेंट है।
जंगलों को रिस्टोर करने की जरूरत
वन और जैव विविधता को बचाने के लिए सरकार की ओर से कई कार्य किए जा रहे हैं। हिमाचल ने फोरेस्ट कवर एरिया को 26.52 फीसदी की दर से बढ़ाकर 35.5 करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा डिग्रेडेशन के शिकार जंगलों को रिस्टोर करने की जरूरत पर काम करना चाहिए।
वायु की गुणवत्ता में भी असर
इसके अलावा यह भी सुझाव दिया है कि देश में स्टेट फोरेस्ट पालिसी, मेडिसिनल प्लांट पालिसी, स्टेट पेमेंट फार इकोसिस्टम सर्विस पालिसी फाॅर हिमाचल बनाने की बात कही है। देश में वायु की गुणवत्ता में भी असर देखा गया है। देश के शहरों में पर्टीकुलर मेटर की मात्रा एवरेज स्टेंडर्ड से अधिक पाई है। इसके अलावा देश में वाहनों की संख्या में भी पिछले 11 सालों में दोगुना वृद्धि से बड  हैं। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार को वाहनों के ग्रोथ रेट पर नजर देने की जरूरत है।
अर्बन एरिया में वाटर सप्लाई सुदृढ़ करने की आवश्यकता
पानी के विषय में सभी एजेंसियों में सही तालमेल की जरूरत है। वाटर रिसोर्स प्लानिंग को विस्तृत क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाना चाहिए। अर्बन एरिया में वाटर सप्लाई को और अधिक सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर भी ध्यान देना चाहिए। इसके लिए इंटीग्रेटिड वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट फार वाटर कंजर्वेशन काम करने की जरूरत है। इसके अलावा रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रयोग करके ग्रांउड वाटर को रिचार्ज करने की जरूरत है। शहरों में वाटर और सीवरेज सिस्टम को गुणवत्ता पूर्ण बनाने के लिए रेनोवेशन, एक्सपेंशन और अपग्रेडेशन की जरूरत है।
क्या है टेरी
टेरी एक स्वतंत्र, लाभ के लिए नहीं, ऊर्जा अनुसंधान संस्थान है जो पर्यावरण और स्थाई विकास पर केंद्रित, प्राकृतिक संसाधनों के कुशल और टिकाऊ उपयोग करने के लिए समर्पित है। ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट एक अंतराष्ट्रीय संस्था है जो विकासशील देशों आर्थिक विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण और उसके विकास के लिए काम करती है। जीजीजीआई ग्रीन ग्राेथ पर नजर रखती है और इसके रिसर्च का काम करने के साथ पॉलिसी तैयार करने का काम
भी करती है।