पांच लाख मिट्टी के नमूने लेंने को 55 हजार गांवों में लगेगी किसान चौपाल,

पांच लाख मिट्टी के नमूने लेंने को 55 हजार गांवों में लगेगी किसान चौपाल,

किसान आत्महत्या की घटनाओं और लगातार फसल नुकसान के हालातों से निपटने के लिए राज्य सरकार अब किसान चौपाल लगाएगी। इसमें खास तौर से किसानों को मिटटी के हिसाब से फसल का चयन करने का प्रशिक्षण भी देगी । खेती में तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के बाद सरकार मिट्टी बचाओ, किसान बचाओ अभियान चलाएगी। इसके लिए 55 हजार गांवों में किसान चौपाल लगाई जाएगी । 5 से 12 दिसंबर तक चलने वाले अभियान के दौरान पांच लाख मिट्टी के नमूने भी लिए जाएंगे। इनका परीक्षण कर स्वाईल हेल्थ कार्ड बनाकर किसानों को दिया जाएगा।

कृषि विभाग के अध्ािकारियों ने बताया कि प्रदेश में अधिकांश जगह पर परंपरागत खेती हो रही है। फसल चक्र में बदलाव नहीं करने के कारण बीमारी से फसलें और उत्पादन प्रभावित हो रहा है। सोयाबीन में यलो मोजेक बीमारी लगने का बड़ा कारण भी यही रहा। इसी तरह भूमि के हिसाब से फसल का चयन नहीं करने के कारण भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। खाद का भी बेजा इस्तेमाल हो रहा है। इसके कारण भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो रही है। इसे देखते हुए सरकार ने प्रदेश में अब मिट्टी बचाओ, किसान बचाओ अभियान चलाने का फैसला किया है। इसके तहत 55 हजार गांवों में किसान चौपाल लगाकर किसानों को मिट्टी के हिसाब से फसल बोने की सलाह दी जाएगी। पांच लाख मिट्टी के नमूने लेकर उनका वैज्ञानिक परीक्षण कराया जाएगा। स्वाईल हेल्थ कार्ड बनाकर किसानों को दिए जाएंगे, जिसमें मिट्टी का पूरा ब्योरा रहेगा। साथ ही खेत में डाली जाने वाली खाद और फसलों के बारे में जानकारी दी जाएगी। पांच बड़े किसान सम्मेलन भी विभाग अगले दो-तीन माह में आयोजित करेगा।

ये देंगे सलाह: अभियान के दौरान किसानों को नीम कोटैैड यूरिया के उपयोग की सलाह दी जाएगी। दरअसल, इस खाद का इस्तेमाल करने से 10 प्रतिशत यूरिया कम लगता है। इसी तरह नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान, गोबर, जैविक और वर्मी कम्पोस्ट खाद को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। विभाग मिट्टी परीक्षण कर रिपोर्ट तेजी से देने के लिए पायलट आध्ाार पर डेढ़ हजार ग्रामीण कृषि विस्तार अध्ािकारियों को मृदा परीक्षक देगा। 190 नई मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं खोली जाएंगी। इसके लिए 68 करोड़ रुपए मंडी बोर्ड देने पर सहमत हो गया है।

साभार  नई दुनिया जागरण