प्याज की फसल में हल्की सिंचाई के लिए मौसम उपयुक्त

वर्तमान मौसम प्याज की फसल की हल्की सिंचाई के लिए पूरी तरह उपयुक्त है, लेकिन सिंचाई सुबह या शाम को ही होनी चाहिए। कृषि भौतिकी संभाग भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से मौसम आधारित कृषि परामर्श देते हुए किसानों से कहा गया है कि सूखे व अधिक तापमान में नमी की कमी होने पर प्याज की गांठ की गुणवत्ता व गांठ के आकार पर प्रभाव हो सकता है। ग्वार, मक्का, बाजरा व लोबिया जैसे चारा फसलों की बुवाई के लिए यह उपयुक्त समय है। ध्यान रहे कि बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी जरूरी है। वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि पालक के फसल की कटाई करने के बजाय उन्हें जड़ सहित उखाड़ कर बाजार भेजें। खेत की मिट्टी की जांच किसी प्रामाणिक स्रोत से करवाएं तथा जहां संभव हो अपनी खेत का समतलीकरण कराएं। रबी फसल की कटाई के बाद खाली खेतों की गहरी जुताई कर जमीन को खुला छोड़ दें, ताकि सूर्य की तेज धूप से गर्म होने के कारण इसमें छिपे कीड़ों के अंडे व घास के बीज नष्ट हो जाएं। वैज्ञानिकों ने बताया कि तैयार अनाज को भंडारण में रखने से पूर्व भंडार घर की अच्छी तरह सफाई कर लें तथा अनाज को सुखा लें। कूड़े कचरे को जला या दबा कर नष्ट कर दें। यदि पुरानी बोरियां प्रयोग करनी पड़े तो उन्हें गर्म पानी से धो लें तथा धूप में सुखा लें। फूल उत्पादकों को सलाह देते हुए वैज्ञानिकों का कहना है कि गुलाब की क्यारियों में एक सप्ताह के अंतराल पर सिंचाई तथा निराई-गुड़ाई करें तथा सूखी टहनियों को काटना उपयुक्त होगा।