कॉपर

ताम्र या तांबा या एक भौतिक तत्त्व है। इसका संकेत Cu (अंग्रेज़ी - Copper) है। इसकी परमाणु संख्या 29 और परमाणु भार 63.5 है। यह एक तन्य धातु है जिसका प्रयोग विद्युत के चालक के रूप में प्रधानता से किया जाता है।

मानव सभ्यता के इतिहास में तांबे का एक प्रमुख स्थान है क्योंकि प्राचीन काल में मानव द्वारा सबसे पहले प्रयुक्त धातुओं और मिश्रधातुओं में तांबा और कांसे (जो कि तांबे और टिन से मिलकर बनता है) का नाम आता है।
समस्थानिक
कम क्षयशील समस्थानिक 63 तथा 65 के अलावा तांबे के कोई 2 दर्जन समस्थानिक हैं जो क्षयशील (रेडियोसमस्थानिक) हैं।
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ताम्र धातु विद्युत तथा उष्मा का सुचालक है। इस सुचालकता की श्रेणी में यह चाँदी के बाद दूसरे क्रम पर आता है। इसमें एक लालिमा जैसी चमक होती है। यह सामान्यतः जल से अभिक्रिया नहीं करता है पर वायव्य जारक से धीरे धीरे संयोग कर ऑक्साईड बनाता है। लेकिन लोहे में जंग लगने से बिल्कुल अलग इसका ऑक्साईड धातु के ऊपर एक परत बनाता है जो इसके और ऑक्सीकरण को रोकता है। यह परत स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी (न्यूयॉर्क) पर भी देखी जा सकती है।
दुनिया में मेटल की खपत में कॉपर ( तांबा) का स्टील ( इस्पात) और एल्यूमीनियम के बाद तीसरा स्थान है। यह एक ऐसा उत्पाद है जिसमें सीधे दुनिया की अर्थव्यवस्था की स्थिति का प्रतिबिंब है। इसीलिए इसे डॉ कॉपर भी कहा जाता है।
कॉपर जो कि बिजली का सबसे बढ़िया नॉन-प्रेसियस मेटल कंडक्टर है, में असाधारण शक्ति, लचीलापन, और जंग प्रतिरोधी क्षमता होने के कारण इसका इमारतों में बिजली के तारों के सबसे अधिक पसंद किया जाता है और यह सबसे सुरक्षित कंडक्टर है। आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक कारक कॉपर की मांग एवं आपूर्ति को प्रभावित करते हैं। कॉपर के भूमि-आधारित स्त्रोत 1.6 बिलियन टन होने का अनुमान है जबकि गहरे समुद्र पिंड में इसके स्त्रोत 0.7 बिलियन टन रहने का अनुमान है। दुनिया भर में कॉपर की एक तिहाई खपत रिसाईकिल्ड कॉपर पूरा करती है।
कॉपर का उत्पादन आज दुनिया के 25 से अधिक देशों में होता है। कॉपर (तांबा) उत्पादन के वैश्विक फैलाव के कारण वैश्विक आपूर्ति में व्यवधान का खतरा कम रहता है। दूसरी ओर, निर्माण और विद्युत पारेषण में इसके महत्व के कारण आपूर्ति में कोई भी व्यवधान अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर डाल सकता है।
कॉपर के उत्पादक, निर्यातक, मार्केटियर्स, प्रोसेसर्स और एसएमई अपने मूल्य जोखिमों को हेजिंग द्वारा प्रबंधन कर सकते हैं। जब बाजार में अनिश्चितता अधिक हो तो ऐसे में आधुनिक जोखिम प्रबंधन तकनीक और रणनीति जिसमें मार्केट आधारित जोखिम प्रबंधन वित्तीय साधन जैसे कॉपर फ्यूचर्स शामिल हैं, एमसीएक्स के मंच पर ऑफर किए जा रहे हैं। इसका उपयोग करके क्षमता में सुधार और मूल्य जोखिम प्रबंधन के माध्यम से प्रतिस्पर्धात्मका को मजबूत कर सकते हैं। जोखिम प्रबंधन के महत्व को इस प्रकार अतिरंजित नहीं किया जा सकता है।

रायगढ़ के खेतों की उपजाउ मिट्टी हो रही अम्लीय

रायगढ़ के खेतों की उपजाउ मिट्टी हो रही अम्लीय

कृषि विभाग द्वारा की जा रही मृदा सैंपल की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जिले के उपजाउ मिट्टी में सबसे ज्यादा अम्ल की मात्रा पाई जा रही है। विभाग द्वारा अब तक 10 हजार मिट्टी का सैंपल परीक्षण किया जा चुका है जिसमें करीब 80 प्रतिशत मृदा अम्लीय है। इससे विभाग असमंजस में है और इस सोच में है कि किस प्रकार क्षारीय मिट्टी को उपजाउ बनाया जाए। इस प्रतिशत को देखते हुए इसकी रिपोर्ट सरकार को वृहद कार्ययोजना के लिए अनुशंसा की जाएगी।