गन्ना किसान

उत्तर प्रदेश में प्रिंटिंग पर्ची वितरण बंद ,गन्ना किसानों को मोबाइल फोन पर एसएमएस से ही मिलेगी पर्ची

उत्तर प्रदेश में प्रिंटिंग पर्ची वितरण बंद ,गन्ना किसानों को मोबाइल फोन पर एसएमएस से ही मिलेगी पर्ची

कोरोना वायरस के कारण समस्त देश में लॉक डाउन के चलते देश के प्राथमिक दर्जे के उद्योग चीनी उद्योग पर भी बन्दी का असर दिख रहा है।
उत्तर प्रदेश में किसानों के पास लगभग कुल उपज का20 % गन्ना अभी बचा हुआ है।

कोरोना लॉकडाउन से किसान परेशान , आर्थिक पैकेज में किसानों के लिए कुछ नहीं

कोरोना लॉकडाउन से किसान परेशान , आर्थिक पैकेज में किसानों के लिए कुछ नहीं

रवी फसल पूरी तैयार व कटाई हो रही है, उधर उत्तर प्रदेश में गन्ना कटाई व बुबाई चल रही है ।देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रेल तक के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर दी है | इसमें सभी प्रकार के ट्रांसपोटेशन के साथ–साथ देशवासियों को घर में रहने की अपील की गई है | इससे पूरी तरह से जनजीवन थम गया है | जबकि यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब देश में रबी फसलों की कटाई जोरों पर है जो अब थम गई है | पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों को खेती कार्य करने पर जुर्माना लगाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश की 11 शुगर मिलों ने 76 लाख क्विंटल गन्ने का अतिरिक्त सट्टा जारी

उत्तर प्रदेश की 11 शुगर मिलों ने 76 लाख क्विंटल गन्ने का अतिरिक्त सट्टा जारी

अनुमान से ज्यादा गन्ना उत्पादन होने से परेशान किसानों को राहत देने के लिए मंडल की 11 शुगर मिलों ने 76 लाख क्विंटल गन्ने का अतिरिक्त सट्टा जारी कर दिया है। इससे मंडल के करीब 1.21 लाख किसानों को फायदा होगा। जिले की छह शुगर मिलों में से चार ने किसानों को अतिरिक्त सट्टे की सुविधा दी है। हालांकि किनौनी और नंगलामल मिल ने अतिरिक्त सट्टा बढ़ाने से हाथ खड़े कर दिए हैं।

दाम न बढ़ने से हुई गन्ने की मिठास खत्म, पश्चिमी उत्तर प्रदेश आन्दोलन की राह पर

दाम न बढ़ने से हुई गन्ने की मिठास खत्म, पश्चिमी उत्तर प्रदेश आन्दोलन की राह पर

गन्ना एक नकदी फसलों में गिना जाता है।पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की आन मान और सम्मान माना जाता रहा है। रोजगार और प्रतिष्ठा का भी विषय माना जाता है। इस क्षेत्र में 59 चीनी मिलें चल रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले दो साल में कई बंद चीनी मिलों को फिर से शुरू किया और रमाला समेत कई अन्य मिलों के क्षमता विस्तार में भी बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन किसान के मन में कड़वाहट बनी हुई है। गन्ना बेल्ट में किसानों के लिए चीनी उत्पादन का स्वाद कड़वा रहा है। पिछले साल किसानों ने दिल्ली तक प्रदर्शन कर सरकार को झकझोरा तो हाल में गन्ना जलाकर रोष जताया। किसान गन्ने की द

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