बीज निगम

राष्ट्रीय बीज निगम (नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन/एनएससी) कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियन्त्रण में भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व के अन्तर्गत अनुसूची 'बी' की एक प्रथम श्रेणी मिनीरत्न कम्पनी है। एनएससी की स्थापना 1963 में की गई। वर्तमान में, यह अपने पंजीकृत बीज उत्पादकों के माध्यम से लगभग 600 किस्मों के बीजों का उत्पादन कर रही है। देश भर में इसके लगभग 8000 पंजीकृत बीज उत्पादक हैं, जो विभिन्न कृषि-जलवायु परिस्थितियों में बीज उत्पादन का कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में निगम का कुल व्यापार 600 करोड़ से अधिक का है।

पूरे भारत भर में निगम के 11 क्षेत्रीय कार्यालय तथा 83 प्रक्षेत्र कार्यालय फैले हुए हैं। बीज उत्पादन में अधिक बल तिलहनों, दलहनों और संकर प्रजातियों और सब्जियों के बीजों के उत्पादन पर दिया जाता है। एनएससी ने नई दिल्ली, सिकन्दराबाद, भोपाल, कोलकाता और पुणे में पांच गुण नियन्त्रण प्रयोगशालायें स्थापित की हैं, जोकि बीज की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए बीज परीक्षण का कार्य करती है।

एनएससी गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन और वितरण के अतिरिक्त केले इत्यादि के ऊतक खेती द्वारा तैयार किए गए पौध के उत्पादन और अपने एमओयू साझेदारों के माध्यम से फलों के पौध / बीजू पौध खरीदकर कर आपूर्ति करने का कार्य भी करती है। बीजों का विपणन तीन माध्यमों के द्वारा अर्थात् बीज विक्रेताओं के माध्यम से बीजों बिक्री, राज्य सरकारों तथा भारत सरकार को बीजों की बिक्री तथा मिनी किटों की आपूर्ति और अपने स्वयं के बीज बिक्री केन्द्रों के माध्यम से बीजों की बिक्री के द्वारा किया जाता है। निगम के लगभग 2800 बीज विक्रेता हैं, जो कुल बिक्री कारोबार के 65% से अधिक बिक्री करते हैं।

अब खेतों में लहराएगी जैविक कपास

अब खेतों में लहराएगी जैविक कपास

कपास की खेती करने वाले किसानों को सरकार बीज कंपनियों के चुंगल से मुक्त कराने के लिए नया बीज बनाएगी। बीटी कॉटन की जगह मिलने वाला ये बीज पूरी तरह जैविक होगा। इसके लिए मध्य भारत कंपनी और जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के बीच करार हुआ है।