मसाले

भोजन को सुवास बनाने, रंगने या संरक्षित करने के उद्देश्य से उसमें मिलाए जाने वाले सूखे बीज, फल, जड़, छाल, या सब्जियों को 'मसाला (spice) कहते हैं। कभी-कभी मसाले का प्रयोग दूसरे फ्लेवर को छुपाने के लिए भी किया जाता है।

मसाले, जड़ी-बूटियों से अलग हैं। पत्तेदार हरे पौधों के विभिन्न भागों को जड़ी-बूटी (हर्ब) कहते हैं। इनका भी उपयोग फ्लेवर देने या अलंकृत करने (garnish) के लिए किया जाता है।

बहुत से मसालों में सूक्ष्मजीवाणुओं को नष्ट करने की क्षमता पाई जाती है।

राजस्थान में तीन साल में दुगुनी हो गई आर्गेनिक फार्मिंग :कृषि मंत्रालय

 राजस्थान में तीन साल में दुगुनी हो गई आर्गेनिक फार्मिंग

पेस्टीसाइड और केमिकल्स के खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ते उपयोग के बीच प्रदेश के लिए एक अच्छी खबर है। बड़ी तादात में हमारे किसानों ने फसलों में रसायनिक खाद और केमिकल का उपयोग करना बंद कर दिया है। ऑर्गेनिक फार्मिंग बहुत तेजी से बढ़ रही है। राजस्थान में वर्ष 2015-16 में 1,55020 हैक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती की गई। इसमें 58,534 मैट्रिक टन जैविक उत्पादन हासिल किया गया।

 

 

चिरौंजी के पौधे का अब किया जा सकेगा प्लांट

चिरौंजी के पौधे का अब किया जा सकेगा प्लांट

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.जेनू झा ने देश में पहली बार चिरौंजी के पौधों को विकसित करने में शानदार सफलता पाई है। विवि के प्लांट मौलिक्यूलर एंड बॉयोलॉजी एंड बॉयोटेक्नॉलॉजी विभाग में दो साल के अथक प्रयास के बाद टिश्यू क्लचर से चिरौंजी के 70 से ज्यादा पौधे विकसित किए गए, जिसे आमजन तक पहुंचाने का प्रयास भी किया जा रहा है।