सफेद मक्खी

सफेद मच्छर (व्हाइट फ्लाय) फ्यूजेरियन वायरस से बीमारी फैल रही है

सफेद मक्खी के पेशाब में शुगर बहुत ज्यादा होती है। जिस भी पत्ते पर सफेद मक्खी का पेशाब पड़ता है, वह पत्ता काला पड़ जाता है। कीटों की सबसे खास बात यह होती है कि यदि कीट को यह अहसास हो जाता है कि उस पर हमला होने वाला है तो वह अपने जीवन को छोटा करके अपने बच्चे पैदा करने कर क्षमता को बढ़ा लेता है। सफेद मक्खी एक ऐसा कीट है जो बिना नर के भी अंडे दे देती है।सफेद मक्खी एक ऐसा कीट है जो 600 से भी ज्यादा पौधों पर आती है। इसके बच्चे पानी की बूंद की तरह दिखाई देते हैं और वह पत्ते पर एक जगह पड़े-पड़े ही रस चूसते रहते हैं। यदि मौसम अनुकूल हो तो सफेद मक्खी के अंडे से तीन-चार दिन में बच्चा निकल आता है यदि मौसम अनुकूल नहीं हो तो अंडे से बच्चा निकलने में 15 से 20 दिन भी लग जाते हैं। कीटों की सबसे खास बात यह होती है कि यदि कीट को यह अहसास हो जाता है कि उस पर हमला होने वाला है तो वह अपने जीवन को छोटा करके अपने बच्चे पैदा करने कर क्षमता को बढ़ा लेता है। सफेद मक्खी एक ऐसा कीट है जो बिना नर के भी अंडे दे देती है।फसल में सफेद मक्खी का प्रकोप होने पर पत्ते के नीचे की नसें फुल जाती हैं और पत्ते का रंग गहरा हरा हो जाता है। पत्ता प्रकोपित होकर ऊपर की तरफ कटोरे की भांति मुडऩे लग जाता है। उन्होंने बताया कि यह कीट मरोडिय़ा नामक वायरस को फैलाने में सहायक है। जब सफेद मक्खी एक पत्ते से रस चूकर दूसरे पत्ते पर रस चूसने के लिए जाती है तो उसके थूक के माध्यम से मरोडिय़े का वायरस दूसरे पौधे तक पहुंच जाता है। जब फसल में मरोडिय़ा बढ़ जाता है तो पौधा प्रकोपित पत्ते के नीचे एक ओर नया पत्ता निकाल लेता है। क्योंकि पौधे को पता होता है कि मुड़ा हुआ पत्ता अब भोजन नहीं बना पाएगा। इसलिए वह भोजन बनाने के लिए नया पत्ता निकाल लेता है। 

नरमे पर अब पत्ता मरोड़ की आफ़त सहमे किसान

नरमे पर अब पत्ता मरोड़ की आफ़त सहमे किसान

सफेद मक्खी के बाद अब नरमे की फसल पर पत्ता मरोड़ बीमारी ने आक्रमण कर  दिया है। कृषि विशेषज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि पत्ता मरोड़ बीमारी ने नरमे की फसल को खासा नुकसान हो रहा है, लेकिन फिलहाल उनके पास भी इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। कृषि विभाग अब इस बात का सर्वे करेगा कि पत्ता मरोड़ बीमारी ने  कितनी एकड़ जमीन पर नरमे की फसल को प्रभावित किया है।

अंकुर फूटते ही कपास पर सफेद मक्खी का हमला, दहशत में किसान

अंकुर फूटते ही कपास पर सफेद मक्खी का हमला, दहशत में किसान

हरियाणा , मध्यप्रदेश और पंजाब आदि राज्यों में अंकुर फूटते ही कपास पर सफेद मक्खी का हमला हो रहा है, किसानों में सफेद मक्खी के हमले को लेकर इतनी दहशत पैदा हो चुकी है कि वह अपने खेतों में कपास छोड़कर अन्य फसलें बीजने लगे हैं। कई किसानों ने कपास अपने खेतों में लगा ली थी, लेकिन जैसे ही उन्हें फसल पर सफेद मक्खी का हमला होता दिखाई दिया तो उन्होंने तुरंत इसको तुरंत ट्रैक्टर से रौंद दिया। कृषि विभाग की ओर से अधिकारिक की गई दवाओं को ही अपने खेतों में बोई कपास की फसल पर छिड़काव किया था, लेकिन डेढ़ माह के अंदर उसकी फसल पर फिर से सफेद मक्खी ने हमला कर दिया। उस पर उक्त दवा का भी काई असर नहीं हुआ।

सफेद मक्खी से खराब फसल का मिलेगा मुआवजा

सफेद मक्खी के प्रकोप के कारण खराब हुई फसल

बेबस हुए किसान

सफेद मक्खी के प्रकोप के कारण खराब हुई फसल के मुआवजे को लेकर लंबे समय से इंतजार कर रहे किसानों को 21 मार्च से मुआवजा मिलना शुरू हो गया । इस बात की पुष्टि जिला राजस्व अधिकारी विजेंद्र भारद्वाज ने की। विजेन्द्र ने कहा कि इस संबध में तहसीलदार व कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है और छोटे गांवों से मुआवजा वितरण का काम शुरू किया जाएगा।