kisanhelp

हमारे देश की अर्थव्यवस्था  का ७०% कृषि पर आधारित है फिर भी हमारे किसानो में खेती के प्रति अविश्वास आ चूका है परन्तु हमारे किसानो को एक बार संगठित हो कर नए विकल्प खोजने होंगे ।

kisan help line (kisanhelp.in)  देश के किसानों को नई दिशा देने का कार्य कर रही है ।

किसान हेल्प किसानों का एक संगठित यूनियन है । जो जैविक खेती के साथ किसानों को न्याय दिलाने के लिय प्रतिबद्य  है डॉ राधा कान्त सिंह जो इस संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं 

रेवानंद निकाजू रास्ट्रीय सचिव 

an help line (kisanhelp.in) उन्नत शील किसानों का एक समूह है जो कि किसानों को नए नए तरीकों की जानकारी देती है जैविक खाद जैविक कीटनाशक कैसे बनाएं जाये इस बात की जानकारी देती है ।

हम किसान भाइयों को रासायनिक खेती छोड़ कर जीविक  एवंम प्राक्रतिक खेती की ओर अग्रसर करती है Dr. R.K.Singh जोकि स्वम् एक उन्नतशील किसान है और नए नए प्रयोग को कि किसानों के हित में प्रयोग करते रहते हैं उनका अनुभव उनका दिशानिर्देशन में हम किसान आज कामयाब हो रहे है। 

किसान भाइयों के लिए नई -नई जानकारियाँ उपलब्ध करती है ,Kisanhelp.in  खेती और कृषि मुद्दों से संबंधित मुद्दों का सामना कर रहे किसानों को कृषि तकनीक को हिन्दी में  समझने हेतु किसानों की मदद करने वाली वेबसाइट हैं ।

kisan help line ( Kisanhelp.in )

एक किसानों का समूह है जिसमे देश भर के उन्नतशील किसानो के अनुभब हैं  मुझे आशा कि हम किसान भाइयो का ये समूह देश भर के किसानो की मदद करेगा I

मेरा सभी किसान भाइयो  से अनुरोध है कि अपने अनुभब एवं तकनिकी  kisan help line (Kisanhelp.in)  के माध्यम से देश भर के किसानो  तक पहुचने में मेरी सहयता करें।  

क्या है नई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है ?

क्या है नई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है ?

केंद्रीय कैबिनेट ने नई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को मंजूरी दी है। ये योजना मौजूदा राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना की जगह लागू होगी। सरकार के मुताबिक पुरानी योजना में कई तरह की खामियां थी जिसे इस नई योजना में सुधारा गया है। नई योजना जून से लागू होगी।

प्रीमियम

पारा गिरानें से आई किसानों के चेहरों की मुस्कान

पारा गिरानें से आई किसानों के चेहरों की मुस्कान

लगातार दो बार कमज़ोर मानसून की मार झेलने के बाद और इस बार अधिक ठंड ना पड़ने के कारण परेशान किसानों ने लगता है उम्मीद का दमन छोड़ा नहीं है। मौजूदा समय में लगातार तापमान बढ़ने से किसानों को रबी की फसल को लेकर चिंता सताने लगी थी लेकिन जब तापमान में गिरावट आई और ठिठुरन बढ़ी तो उनके चेहरों पर रौनक लौट आई है। गौरतलब है कि गेहूं जैसी मुख्य फसलों के लिए ज्यादा सर्दी की जरूरत होती है। माना ये जाता है कि सर्दी जितनी अधिक होगी, गेहूं की पैदावार उतनी ही बेहतर होती है।

 

सिक्किम बना देश का पहले जैविक राज्य

सिक्किम बना देश का पहले जैविक राज्य

सिक्किम देश का पहला पूरी तरह जैविक राज्य बन गया है। राज्य में करीब 75 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि में सिर्फ टिकाऊ खेती होने लगी है। सिक्किम के जैविक मिशन के कार्यकारी निदेशक डॉ. अनबालागन ने बताया कि दिसंबर के अंत में राज्य ने पूर्ण जैविक राज्य का दर्जा हासिल कर लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जनवरी को गंगटोक में टिकाऊ खेती सम्मेलन में इसका औपचारिक रूप से एलान करेंगे।

ऐसे होने लगी जैविक खेती

अब जिंक राइस से लगेगी कुपोषण पर रोक

अब जिंक राइस से लगेगी कुपोषण पर  रोक

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने जिंक राइस की खोज की है, जिसमें जिंक की मात्रा सामान्य चावल से 8 माइक्रोग्राम अधिक है। इसमें पोषकता अधिक है। राइस के एक-एक दाने में आयरन, जिंक और विटामिन ए की मात्रा है, जिसे खाने से कुपोषण पर रोक लगने की उम्मीद है।

Pages