जैविक खेती, सिंचाई और छोटे किसानों पर विशेष ध्यान
नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बजट में परंपरागत कृषि पर बल दिया है। जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना का लक्ष्य हर किसान का खेत सिंचने के साथ 'प्रति बंदू अधिक फसल' करने की व्यवस्था करना है। बजट में सूक्ष्म सिंचाई, जल संभरण विकास और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 5,300 करोड़ रुपए की राशि के आवंटन का प्रावधान किया गया है।
वित्तमंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादन बढाने के लिए मिट्टी और पानी दो प्रमुख उपाय है। मिट्टी की उर्वरता में सुधार के लिए केंद्रीय मंत्री ने कृषि मंत्रालय की जैविक खेती योजना 'परंपरागत कृषि विकास योजना' के वित्त पोषण और उसे सहायता देने का प्रस्ताव किया।
किसानों की मदद के लिए ऋण
वित्तमंत्री जेटली ने छोटे और सीमांत किसानों पर विशेष ध्यान देते हुए प्रभावी और निर्बाध कृषि ऋण की सहायता से कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने का प्रावधान रखा। वित्तमंत्री ने कहा कि कृषि ऋण हमारे किसानों को सहारा देते हैं। 2015-16 के दौरान 8.5 करोड रुपए के ऋण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि बैंक यह लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे।
उन्होंने 2015-16 में नाबार्ड में स्थापित ग्रामीण और संरचना विकास कोष की निधियों में 25000 करोड़ रुपए, दीर्घकालिक ग्रामीण ऋण कोष में 15000 करोड़ रुपए, अल्पावधिक सहकारी ग्रामीण ऋण पुनर्वित निधि हेतु 45000 करोड़ रुपए और अल्पावधिक आर आर बी पुनर्वित निधि के लिए 15000 करोड़ रुपए आवंटित करने का प्रस्ताव किया।