राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
Submitted by Aksh on 4 March, 2015 - 00:04
लक्ष्य
भारत सरकार ने, खाद्यान्न उत्पादन में आई स्थिरता एवं बढ़ती जनसंख्या की खाद्य उपभोग को ध्यान में रखते हुए, अगस्त 2007 में केन्द्र प्रायोजित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना का शुभारंभ किया।
इस योजना का मुख्य लक्ष्य सुस्थिर आधार पर गेहूँ, चावल व दलहन की उत्पादकता में वृद्धि लाना ताकि देश में खाद्य सुरक्षा की स्थिति को सुनिश्चित किया जा सके। इसका दृष्टिकोण समुन्नत प्रौद्योगिकी के प्रसार एवं कृषि प्रबंधन पहल के माध्यम से इन फसलों के उत्पादन में व्याप्त अंतर को दूर करना है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के मुख्य घटक
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तीन घटक होंगे-
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन- चावल
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन– गेहूँ
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन– दलहन
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के लिए 11वीं पंचवर्षीय योजना अवधि (2007-08 से 2011-12) के लिए वित्तीय निहितार्थ 4882.48 करोड़ रुपये की होगी। इसके लिए लाभुक किसान उन जमीन पर शुरू की गई गतिविधियों पर आने वाली कुल लागत का 50 प्रतिशत भाग का वहन करेंगे अर्थात् उन्हें आधा हिस्सा देना होगा।
- लाभुक किसान इसके लिए बैंक से ऋण भी प्राप्त कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी की राशि बैंकों को जारी की जाएगी।
- इस योजना के क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप वर्ष 2011-12 तक चावल के उत्पादन में 10 मिलियन टन, गेहूँ के उत्पादन में 8 मिलियन टन व दलहन के उत्पादन में 2 मिलियन टन की वृद्धि होगी। साथ ही, यह अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत शामिल किये गये राज्य
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन- चावल के अंतर्गत 14 राज्यों के 142 जिले (आँध्र प्रदेश, असोम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश,5उड़ीसा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल) शामिल होंगे।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन- गेहूँ के अंतर्गत 9 राज्यों के 142 जिले (पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल) शामिल किये जाएंगे।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन– दलहन योजना के अंतर्गत 16 राज्यों के 468 जिले (आँध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल) शामिल किये जाएंगे।
- इस योजना के अंतर्गत इन जिलों के 20 मिलियन हेक्टेयर धान के क्षेत्र, 13 मिलियन हेक्टेयर गेहूँ के क्षेत्र व 4.5 मिलियन हेक्टेयर दलहन के क्षेत्र शामिल किये गये हैं जो धान व गेहूँ के कुल बुआई क्षेत्र का 50 प्रतिशत है। दलहन के लिए अतिरिक्त 20 प्रतिशत क्षेत्र का सृजन किया जाएगा।