नीलगाय भगाने को बनायें हर्बल घोल
शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र हो जहां खेतों को नीलगाय नुकसान न पहुंचाते हों। नीलगाय के झुंड जिस खेत में घुस जाते हैं उस खेत की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं। मट्ठा और लहसुन के घोल तथा गोमूत्र का फसलों पर छिडक़ाव करने से नीलगाय से छुटकारा मिल सकता है।
नीलगाय फसलों को खाकर और पैरों से रौंदकर नष्ट करते है। इन्हें खेतों में न घुसने देने के लिए किसान प्रयास तो करते हैं लेकिन सफलता नहीं मिलती है। खेतों की मेड़ों पर कंटीले तार, करौंदा, जट्रोफा या फिर खाई खोदकर इन्हें रोका जा सकता है पर यह तरीका कारगर नहीं है। खाद्यान्न, सब्जी की फसलों को ये काफी नुकसान पहुंचाते हैं। डीडीए अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि हर्बल घोल बनाकर प्रयोग करने से नीलगाय को खेतों में घुसने से रोका जा सकता है।
नीलगाय को खेतों की ओर आने से रोकने के लिए 4 किग्रा मट्ठा में आधा किग्रा छिला हुआ लहसुन पीसकर मिलाकर इसमें 500 ग्राम बालू डालें। इस घोल को पांच दिन बाद छिडक़ाव करें। इसकी गंध से करीब 20 दिन तक नीलगाय खेतों में नहीं घुसेंगे।
हर्बल घोल बनाने के लिए 20 लीटर गोमूत्र, 5 किग्रा नीम की पत्ती, 2 किग्रा धतूरा, 2 किग्रा मदार की जड़, फल-फूल, 500 ग्राम तंबाकू की पत्ती, 250 ग्राम लहसुन, 150 लाल मिर्च पाउडर को एक डिब्बे में भरकर वायुरोधी बनाकर धूप में 40 दिन के लिए रख दें। इसके बाद एक लीटर दवा 80 लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिडक़ाव करने से महीना भर तक नीलगाय फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। इससे फसल की कीटों से भी रक्षा होती है।