IVRI में आयोजित फसल बीमा योजना प्रदर्शनी का आयोजन

IVRI में आयोजित फसल बीमा योजना प्रदर्शनी का आयोजन

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रदर्शनी बरेली में स्थित IVRI के प्रांगण में हुआ जिसमें नई फसल बीमा योजना की जानकारी किसानों को दी गयी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री संतोष गंगवार (कपडा राज्य मंत्री)  भारत सरकार , मुख्य अतिथि श्री धर्मेन्द्र कश्यप सांसद आवला बरेली ,निदेशक IVRI द्वारा किसानों को बीमा से जुडी कई प्रकार की जानकारियां दी और यह भी बताया गया की नई बीमा योजना पुरानी बीमा योजना से किस प्रकार से भिन्न है नई बीमा योजन के लाभ भी किसान भाइयों को बताये गये ,तथा कई किसान वैज्ञानिकों द्वारा किसानो को खेती से जुडी ,पशुपालन से जुडी कई उपयोगी जानकारियां दी गयी

बीज पर विदेशी कंपनियों के शोषण एवं सूखे से निबटारे के लिए सरकार करेगी नियंत्रण

बीज पर विदेशी कंपनियों के शोषण एवं सूखे से निबटारे के लिए सरकार करेगी नियंत्रण

दस राज्यों में सूखे की गंभीर हालत के मद्देनजर सरकार ने चौतरफा कदम उठाना शुरु कर दिया है। मनरेगा के  तहत बड़ी रकम जारी करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के  सूखे पर जल्द फैसले लेने केनिर्देश के बाद कृषि मंत्री ने  केलिए किसानों को मल्टीनेशनल कंपनियों के शोषण से दूर रखने का एलान किया है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि खासतौर पर कपास केबीज पर सरकार अपना पूरा नियंत्रण रखेगी। ताकि मोनसेंटो जैसी विदेशी कंपनियां किसानों का दोहन  नहीं कर सके।

अब खेतों में लहराएगी जैविक कपास

अब खेतों में लहराएगी जैविक कपास

कपास की खेती करने वाले किसानों को सरकार बीज कंपनियों के चुंगल से मुक्त कराने के लिए नया बीज बनाएगी। बीटी कॉटन की जगह मिलने वाला ये बीज पूरी तरह जैविक होगा। इसके लिए मध्य भारत कंपनी और जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के बीच करार हुआ है।

सूखे पड़े हैं देश के जलाशय, बचा है केवल 24% पानी

सूखे पड़े हैं देश के जलाशय, बचा है केवल 24% पानी

एक ताजा रिपोर्ट में बेहद चौंकाने और परेशान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के 91 बड़े जलाशयों में केवल 24 फीसदी पानी ही बचा है। मतलब यह कि इन जलाशयों में कुल 37.92 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी ही बचा है। केंद्रीय जल आयोग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि सात अप्रैल के आंकड़ों के अनुसार इन जलाशयों में जितना पानी है वह पिछले साल से कम है। इस साल इन जलाशयों में पानी की कमी की वजह 2014 और 2015 में हुई कम बारिश है। क्योंकि इन जलाशयों का पानी सिंचाई के लिए होता है, ऐसे में आंकड़ों को देखते हुए लगता है कि इसका असर रबी की फसल के लिए पानी की सप्लाई पर भी पड़ेगा। हालांकि मौसम विभाग

Pages