किसान

कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से सम्बंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लोग कृषि के कार्य को करके अपनी जीविका उपार्जन करते है उन्हें किसान कहते है 
किसानो को निम्न बिन्दुओ से भी जाना जा सकता है 

1. जो फसलें उगाते हैं।

2. कृषक (farmer)

3. खेतिहर – खेती करने वाला।

4. जो खेत और फसल में अपना योगदान देते हैं।

5. जिनके पास स्वयं के खेत है और दूसरे कामगारों से काम करवाते हैं, किसान हैं।

6. किसान खेतों में पसीना बहाकर अन्न उपजाते हैं

पूसा कैंपस में पीएम मोदी ने किया कृषि मेले का उद्घाटन

पूसा कैंपस में पीएम मोदी ने किया कृषि मेले का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कृषि उन्नति मेले का उद्घाटन किया। यह मेला राजधानी के पूसा कैंपस में आयोजित हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा है कि भारत का भाग्य गांव और किसानों का भाग्य बदले जाने के बाद ही संभव है। उन्होंने कहा कि दूसरी कृषि क्रांति की जरूरत है और ये क्रांति विज्ञान के सहारे लाई जा सकती है। उन्होनें कहा कि कई राज्य ऐसे हैं, जहां कृषि पर थोड़ा ध्यान देने से बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।

राष्ट्रीय कृषि उन्नति मेला कल से प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन

राष्ट्रीय कृषि उन्नति मेला

किसान आंखों देखी पर यकीन करता है, सुनी-सुनाई बातों पर नहीं। इसी को ध्यान में रखकर 19 से 21 मार्च के बीच कृषि उन्नति मेला आयोजित किया जा रहा है। इसमें एक लाख किसान हिस्सा लेंगे। कृषिमंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि जिंस मंडियों के ग्लोबलाइजेशन से कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है।

ऐसे में किसानों को आधुनिक तकनीक से लैस करने की जरूरत है। कृषि उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला में छोटे किसानों की भूमिका अहम हो गई है। उनकी जरूरत के कृषि यंत्रों का प्रदर्शन इस राष्ट्रीय कृषि मेले में किया जाएगा।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय किसान मेला शुरु

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में  तीन दिवसीय किसान मेला शुरु

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में मंगलवार से तीन दिवसीय किसान मेले की शुरुआत हुई। गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के हजारों किसानों ने इस सम्मेलन में शिरकत की। पहले दिन सदाबहार क्रांति एवं खाद्यान्न सुरक्षा पर राज्य सहकारी बैंक के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्य वक्ता दिलीप संघानी ने कहा कि कुछ वर्षों से किसान ने फसल के क्षेत्र में अनेक नवाचार स्वयं से विकसित कि ए हैं, जो काफी सराहनीय है। लेकिन अब समय के साथ चलकर विकास की गति को बढ़ाना होगा। किसान को बैंकिंग का लाभ लेना चाहिए। इससे ही किसानी के क्षेत्र में समृद्दता आएगी और देश का विकास होगा। श्वेत क्रांति व पशुपालन विषय पर कामधेनु विश

फसल बीमा से रुकेगी किसान आत्महत्या

फसल बीमा से रुकेगी किसान आत्महत्या

खेती में घाटे के चलते बर्बाद होने वाले किसानों की आत्महत्या रोकने के प्रयास में सरकार जुट गई है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि खेती के जोखिम को घटाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की है। इससे किसान खुदकुशी करने को मजबूर नहीं होंगे।

उनका कहना था कि फसल बीमा योजना से किसानों की खुदकुशी रुकेगी। कृषि मंत्री ने शुक्रवार को राज्यसभा में पूछे सवालों का जवाब देते हुए किसानों के हित संरक्षण में उठाए गए कदमों की फेहरिस्त गिनाई।

14 अप्रैल को मंडी की स्थापना

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