किसान

कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से सम्बंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लोग कृषि के कार्य को करके अपनी जीविका उपार्जन करते है उन्हें किसान कहते है 
किसानो को निम्न बिन्दुओ से भी जाना जा सकता है 

1. जो फसलें उगाते हैं।

2. कृषक (farmer)

3. खेतिहर – खेती करने वाला।

4. जो खेत और फसल में अपना योगदान देते हैं।

5. जिनके पास स्वयं के खेत है और दूसरे कामगारों से काम करवाते हैं, किसान हैं।

6. किसान खेतों में पसीना बहाकर अन्न उपजाते हैं

किसानों की समस्याओं का अब ऑनलाइन होगा निपटारा

किसानों की समस्याओं का अब ऑनलाइन होगा निपटारा

फसल में रोग लग गया हो या फिर कीट चट कर रहे हों, किसान परेशान न हों। अपनी फसल की स्थिति के बारे में ऑनलाइन समस्या दर्ज कराएं। घर पर स्मार्ट फोन हो तो फसल की फोटो भी पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं।

शिकायत दर्ज कराने के 48 घंटे के अंदर विशेषज्ञ अधिकारी आपके खेत पर होंगे और किसान को बताएंगे कि कौन सी दवाएं कितनी मात्रा में डाली जाए। यदि किसान के पास स्मार्ट फोन नहीं है तो वह साधारण फोन से एसएमएस कर अपने फसल के रोग और निदान के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।

अंकुर फूटते ही कपास पर सफेद मक्खी का हमला, दहशत में किसान

अंकुर फूटते ही कपास पर सफेद मक्खी का हमला, दहशत में किसान

हरियाणा , मध्यप्रदेश और पंजाब आदि राज्यों में अंकुर फूटते ही कपास पर सफेद मक्खी का हमला हो रहा है, किसानों में सफेद मक्खी के हमले को लेकर इतनी दहशत पैदा हो चुकी है कि वह अपने खेतों में कपास छोड़कर अन्य फसलें बीजने लगे हैं। कई किसानों ने कपास अपने खेतों में लगा ली थी, लेकिन जैसे ही उन्हें फसल पर सफेद मक्खी का हमला होता दिखाई दिया तो उन्होंने तुरंत इसको तुरंत ट्रैक्टर से रौंद दिया। कृषि विभाग की ओर से अधिकारिक की गई दवाओं को ही अपने खेतों में बोई कपास की फसल पर छिड़काव किया था, लेकिन डेढ़ माह के अंदर उसकी फसल पर फिर से सफेद मक्खी ने हमला कर दिया। उस पर उक्त दवा का भी काई असर नहीं हुआ।

मोदी सरकार का किसानों को तोहफा,धान,दलहन समेत14 फसलों की एमएसपी बढ़ाई

मोदी सरकार का किसानों को तोहफा,धान,दलहन समेत14 फसलों की एमएसपी बढ़ाई

2 साल पूरा होने पर मोदी सरकार किसानों को तोहफा दिया  है। दरअसल, सरकार खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी में भारी इजाफा किया है।सरकार दालों की पैदावार बढ़ाने फोकस किया है। इसके लिए खरीफ सीजन में बोई जाने वाली दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी में जोरदार बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने दालों की एमएसपी में करीब 200 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। आज कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला हुआ। सरकार ने बुधवार को धान और दलहन समेत कुल 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिए। सरकार खास तौर पर दलहन की पैदावार बढ़ाने पर जोर दे रही है। एमएसपी बढ़ाना उसी दिशा में उठाया गया कदम

किसान सिर्फ वोट नीति तक ही सीमित

किसान सिर्फ वोट नीति तक ही सीमित

देश के किसानों के साथ आज तक की सरकारों ने धोखा किया है चाहें वह की राज्य की हो या केंद्र सरकार दोनों ने किसानों को केवल वोट की ही नज़र से देखा है किसानों के बारे में बड़े बड़े वायदे किये चुनावी मुद्दा बनाया लेकिन किसानों को उनका अधिकार किसी भी सरकार ने नही दिया ! हमारे माननीय प्रधान मंत्री जी ने कहा कि २०२२ तक देश के किसानों की आय दोगनी होगी देश अपनी आज़ादी की 75 वीं वर्षगांठ मनायेगा तब तक देश देश में से किसान नाम की प्रजाति समाप्त हो चुकी होगी !

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