किसान सिर्फ वोट नीति तक ही सीमित
देश के किसानों के साथ आज तक की सरकारों ने धोखा किया है चाहें वह की राज्य की हो या केंद्र सरकार दोनों ने किसानों को केवल वोट की ही नज़र से देखा है किसानों के बारे में बड़े बड़े वायदे किये चुनावी मुद्दा बनाया लेकिन किसानों को उनका अधिकार किसी भी सरकार ने नही दिया ! हमारे माननीय प्रधान मंत्री जी ने कहा कि २०२२ तक देश के किसानों की आय दोगनी होगी देश अपनी आज़ादी की 75 वीं वर्षगांठ मनायेगा तब तक देश देश में से किसान नाम की प्रजाति समाप्त हो चुकी होगी ! किसान अपनी आय से ज्यादा व्यय करता है अधिक लागत लगा कर अपने उत्पादन को बाज़ार तक लाता है बाज़ार में बैठा व्यापारी उसके उत्पाद को आधे अधूरे कीमत पर खरीदता है ! हमारे देश की मिडिया भी उन्ही की गुलाम है प्याज 80 रू. किलो बिका तो पूरे देश की मीडिया ने इस खबर को सुनामी की तरह पेश कर दिया मानों देश का पैसा कही विदेश चला गया हो , मै रोज समाचार देखता तो कभी किसी नेता को ,कभी किसी समाज सेवक को , कभी किसी अर्थशास्त्री को बुला कर देश में बदती महगाई पर एक शानदार हंगामा खड़ा करते थे आज वही प्याज 50 पैसे किलो बिक रहा है तो किसी मीडिया ने यह मुद्दा नही उठाया क्या यह मीडिया व्यापारियों की गुलाम है या मीडिया के नुमान्दों को यह नज़र नही आ रहा !
अगर नज़र आ रहा है तो बुलाओ अब नेताओं को , किसी समाज सेवक को , किसी अर्थशास्त्री को करो किसानों के लिय काम
अब कोई अर्थशास्त्री अपना विश्लेषण नही देगा , कोई समाज सेवक चिंता नही जाहिर करेगा क्योकि ये सभी सत्ता के या किसी पार्टी के दलाल होते है किसान तो कीड़े मकोड़े की तरह है जिसका मन आया उसने कुचल दिया !
देश की मीडिया को TRP प्यारी है अगर कोई किसान आत्म हत्या करता है तो विशलेषण आता है कि मरने वाला SC का था या OBC का था लेकिन कोई किसानों के वास्तविक दर्द की बात नही करता मुझे याद है अभी कुछ समय पहले एक टीवी नायिका ने अपनी बदनामी से बचने के लिय आत्म हत्या कर ली तो देश भर की मीडिया ने उसे इतना हाई लाईट कर दिया जैसे मानों देश में राष्ट्रीय शोक हो गया हो लिकिन किसानों की ख़राब हालत पर मीडया राजनेता , व्यापारी , समाज सेवक , सभी को मानों सांप सूघ गया है!
देश में इन नेताओ ने बड़े बड़े घोटाले कर दिए फिर भी सत्ता में मौज कर रहे है अगर कोई किसान अपनी फसल के लिए लिया कर्ज नहीं चूका पाता है तो लगता है कि उसने रिजर्व बैंक लुट लिया हो उसे जेल में डाल दते है उसकी संपत्तिया जब्त कर लेते है कई हजार करोड़ का घोटाला करने के बाद माल्या साहब विदेश में आराम की जिन्दगी गुजर रहे है!
किसी दलाल के पास करोड़ों की सम्पत्तियां अचानक से आ जाती है उसकों कोई नही पूछता है ! देश के कई राज्य सूखे की चपेट में है लेकिन देश में IPL जरूरी था किसान नही देश में किसान मरे या जिए किसी को कोई फर्क नही पड़ता मै आज भी सभी किसानों से हाथ जोड़ कर अपील करता हूँ कि एक बार सिर्फ अपने लिए ही उत्पादन करो बाज़ार की उपलब्धता को समाप्त करो तो देखो आपका प्याज आप का गेहूं आपका चावल आपके द्वारा निर्धारित मूल्य पर जायेगा !
आज यह बाते किसान हेल्प के संरक्षक श्री सिंह ने किसानों के नाम से सन्देश में कही