किसान

कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से सम्बंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लोग कृषि के कार्य को करके अपनी जीविका उपार्जन करते है उन्हें किसान कहते है 
किसानो को निम्न बिन्दुओ से भी जाना जा सकता है 

1. जो फसलें उगाते हैं।

2. कृषक (farmer)

3. खेतिहर – खेती करने वाला।

4. जो खेत और फसल में अपना योगदान देते हैं।

5. जिनके पास स्वयं के खेत है और दूसरे कामगारों से काम करवाते हैं, किसान हैं।

6. किसान खेतों में पसीना बहाकर अन्न उपजाते हैं

गन्ने की बकाया राशि भुगतान के लिए हरियाणा सरकार ने जारी किये 169 करोड़ रूपये

गन्ने की बकाया राशि भुगतान के लिए हरियाणा सरकार ने जारी किये 169 करोड़ रूपये

हरियाणा में किसानों के हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने गन्ने के बकाया के भुगतान के लिए 169 करोड़ रूपये की राशि जारी कर दी है | यह राशि राज्य की दस चीनी मीलों को जारी की गई है और संबंधित अधिकारीयों को निर्देश दिये गये हैं कि राज्य के गन्ना फसल के किसानों के बकाया का भुगतान किया जाए ताकि वर्तमान में उत्पन्न हुई स्थिति में उन्हें सहयोग मिल सकें | किसान समाधान सरकार के तरफ से चीनी मीलों के किये गये 169 करोड़ रूपये भुगतान की पूरी जानकारी लेकर आया है

राज्यों के हार्वेस्टर ड्राइवरों को मिलेगा पास

राज्यों के हार्वेस्टर ड्राइवरों को मिलेगा पास

किसानों ने रबी फसलों की कटाई करना शुरू कर दिया है. बिहार के किसान भी पूरी तैयारी के साथ खेतों में जुट गए हैं. बता दें कि किसान गेहूं की कटाई कई प्रकार के कृषि यंत्रों से करते हैं. इसके लिए पंजाब समेत कई राज्यों से बड़ी संख्या में कृषि यंत्र मांगाए जाते हैं. लॉकडाउन में केंद्र और राज्य सरकार ने कृषि संबंधित कार्यों और वाहनों को छूट दे दी है. ऐसे में सरकार ने एक अहम फैसला लिया है कि कृषि संबंधी सभी वाहनों के लिए जिला स्तर पर एक पास जारी किया जाएगा.

इन राज्यों से हार्वेस्टर के ड्राइवरों को मिलेगा पास

लॉकडाउन का खामियाजा किसानों पर भारी, तैयार फसल को काटने के लिए नही मिल रहे मजदूर

लॉकडाउन का खामियाजा किसानों पर भारी, तैयार फसल को काटने के लिए नही मिल रहे मजदूर

कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन का खामियाजा उन किसानों को भी भुगतना पड़ रहा है जिनकी पूरी खेती ही मजदूरों के भरोसे है। कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया को बड़ा आर्थिक नुकसान होने वाला है। कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से देश-दुनिया को आर्थिक मंदी का भी सामना करना पड़ सकता है। कोरोना वायरस का गंभीर परिणाम देश के किसानों को भी भुगतना पड़ रहा है। गांवों की हालत ऐसी हो गई है कि ग्वाला लोगों से दूध नहीं खरीद रहा है, क्योंकि मिठाई की दुकानें बंद होने से दूध की सप्लाई नहीं हो रही है। कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन का खामियाजा उन किसानों को भी भुगतना पड़ रहा है जिनकी पूरी खेती ही मजदूरों के

किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसानों को सरकार की राहत

लॉकडाउन की वजह से कृषि उत्पादों की खरीद, मंडियों, उर्वरकों की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों आदि में पहले ही छूट दी गई है। फसल कटाई व बुआई और बागवानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही को भी छूट दी गई है।

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