किसान

कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से सम्बंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लोग कृषि के कार्य को करके अपनी जीविका उपार्जन करते है उन्हें किसान कहते है 
किसानो को निम्न बिन्दुओ से भी जाना जा सकता है 

1. जो फसलें उगाते हैं।

2. कृषक (farmer)

3. खेतिहर – खेती करने वाला।

4. जो खेत और फसल में अपना योगदान देते हैं।

5. जिनके पास स्वयं के खेत है और दूसरे कामगारों से काम करवाते हैं, किसान हैं।

6. किसान खेतों में पसीना बहाकर अन्न उपजाते हैं

मोती पालन, मशरूम की खेती,कड़कनाथ मुर्गा पालन व स्टीविया की खेती के प्रशिक्षण पर 50% की छूट

मोती पालन, मशरूम की खेती,कड़कनाथ मुर्गा पालन व स्टीविया की खेती के प्रशिक्षण पर 50% की छूट

कृषि के क्षेत्र में पारंपरिक खेती करके एक किसान सालाना 50 हजार से 60 हजार ही कमा पाता है वही आधुनिक खेती करके 2-3 लाख  सालाना कमा सकते हैं 

दो  दिवसीय 
 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं प्रशिक्षण शुल्क में भी 50% की छूट होगी साथ ही अनेकों फायदे हैं
8-9 February 2020

Day 1
मोती पालन 
मशरूम की खेती 
Day 2 
कड़कनाथ मुर्गा पालन 
स्टीविया की खेती 

प्रशिक्षण शुल्क
4600/- 
( बमोरिया फार्म पर रहना और खाना  और रहना इंक्लूड होगा)

सर्दी में बारिश मतलब किसान की आफ़त

सर्दी में बारिश मतलब किसान की आफ़त

जनवरी में सर्दी के मौसम में अचानक वारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। देश के अलग-अलग हिस्सों में दो दिनों से लगातार बारिश से जहां सरसों की फसल खत्म होने आशंका है तो वहीं आलू की फसल को भी नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि गेहूं के लिए बारिश अच्छी साबित हो सकती है , लेकिन हालात देखते हुए यह गेहूँ को नुकसान कर सकती है।

बजट में मिल सकता है किसानों को व्याज रहित ऋण का तोहफा

बजट में मिल सकता है किसानों को व्याज रहित ऋण का तोहफा

किसानों की दुगनी आय करने के लिए केन्द्र में भाजपा सरकार जल्दी ही व्याज रहित ऋण की घोषणा कर सकती है।किसानों को ऋण माफी के स्थान पर व्याज रहित ऋण देने की योजना सरकार बना रही है।
ब्याज मुक्त केसीसी पर तो अभी फैसला होना बाकी है। फिलहाल खेती-किसानी के लिए सबसे सस्ता ब्याज केसीसी से ही मिलता है । सिर्फ 4 फीसदी ब्याज लगता है । कोई भी साहूकार इतने कम रेट पर किसी को कर्ज नहीं दे सकता।

केवल उत्तर प्रदेश में 57 लाख किसानों को नहीं मिलेगा किसान सम्मान निधि का लाभ, आखिर गलती किसकी ?

केवल उत्तर प्रदेश में 57 लाख किसानों को नहीं मिलेगा किसान सम्मान निधि का लाभ, आखिर गलती किसकी ?

प्रधान मंत्री सम्मान निधि के तहत केवल उत्तर प्रदेश में ५७ लाख किसानों को सम्मान निधि का पैसा नहीं मिल पाया किसान अपने खातों में 2000 रूपये का इंतजार क्र रहे थे लेकिन उत्तर प्रदेश के सरकारी तंत्र की तानाशाही के चलते किसान को मायूसी हाथ लगी।

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