पॉली हाउस से किसानों की आय में हुई वृद्धि

परम्परागत खेती से बढ़कर विदेशी तरीके से खेती करने से किसानों को अधिक लाभ होता नजर आ रहा है । किसानों की आय में भी वृद्धि हो रही है । इंडो-इस्राइल तकनीक ने किसानों को सब्जी की खेती करने के लिए नई राह दिखाई है । हरियाणा में जहाँ किसान पिछले वर्ष दो एकड़ में इस तकनीक से सब्जी उगाते थे वही आज 20 एकड़ में यही कार्य कर रहे है । पॉली हाउस के माध्यम से यह लाभ किसान उठा रहे है ।

 

 

इस तकनीक को अपना कर किसान  प्रति एकड़ 6-7 लाख रुपये तक का खीरा व 400-500 क्विंटल टमाटर की फसल निकाल रहे हैं। खास बात यह है कि इस तकनीकी से तैयार सब्जियां पूरी तरह आर्गेनिक होती हैं और कीमत भी अधिक मिलती है। विभागीय जानकारी के मुताबिक पॉली हाउस तैयार करने के लिए प्रति एकड़ करीब 18 लाख  रुपये खर्च आते हैं, लेकिन किसान को 35 प्रतिशत ही वहन करना पड़ता है। 65 प्रतिशत उद्यान विभाग की ओर से दिया जाता है। एक बार तैयार किया गया पॉली हाउस करीब 10 वर्ष चलता है।

 

 

आय अच्छी प्राप्त होने से किसानों का सब्जी की खेती की और रुझान बढ़ा है । विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पॉली हाउस में किसान इंडो-इजराइल तकनीक से सब्जी का उत्पादन करना काफी पसंद कर रहे हैं। जिले में अलग-अलग जगह तैयार पॉली हाउस में टमाटर, बैंगन, खीरा व शिमला मिर्च की खेती हो रही है। पॉली हाउस में आफ सीजन में भी सब्जी उगाई जा सकती है जिससे किसान अधिक लाभ ले सकते हैं। इस तकनीक में अधिक खाद की आवश्यकता नहीं होती ।

सोमवार को सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में इजराइल कृषि विशेषज्ञों के सहयोग से चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें इजराइल कृषि विशेषज्ञ दान व उनके सहयोगियों के साथ हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, वेस्ट बंगाल, कर्नाटक, मिजोरम सहित अन्य कई राज्यों के परियोजना अधिकारियों का एक दल सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में पहुचा। जहां हरियाणा बागवानी विभाग के उपनिदेशक ने अधिकारियों का पॉली हाउस में भ्रमण कराया ओर केंद्र में तैयार की जाने वाली विभिन्न रगों की शिमला मिर्च, खीरे, टमाटोज, खरबूज, बेमौसमी सब्जियों के साथ-साथ अन्य तकनीकियों के बारे में विस्तार से बताया।

साभार -krishibhoomi