लहसुन की खेती प्रशस्त करेगी आर्थिक उन्नति का मार्ग

बूढ़नपुर (आजमगढ़) : वर्तमान मौसम में लहसुन की खेती आर्थिक उन्नति का रास्ता तय करती है। जरूरत है तो केवल इस बात की कि खेत की निगरानी की जाए और रोग की स्थिति में उसका उपचार किया जाए। पूर्व उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी लालबिहारी यादव के मुताबिक अपने देश में लहसुन की खेती का महत्वपूर्ण स्थान है। लहसुन मुख्यतया फलियों द्वारा उगाया जाता है। मैनपुरी जिले में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।

बंजर भूमि पर लहलहाई प्याज की फसल

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प्याज की लहलहाती फसल को देखकर प्याज उत्पादक किसान बेहद खुश है। मौसम अनुकुल रहने से उनमें इसके अच्छे उत्पादन की उम्मीद है।

प्याज की फसल में हल्की सिंचाई के लिए मौसम उपयुक्त

वर्तमान मौसम प्याज की फसल की हल्की सिंचाई के लिए पूरी तरह उपयुक्त है, लेकिन सिंचाई सुबह या शाम को ही होनी चाहिए। कृषि भौतिकी संभाग भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से मौसम आधारित कृषि परामर्श देते हुए किसानों से कहा गया है कि सूखे व अधिक तापमान में नमी की कमी होने पर प्याज की गांठ की गुणवत्ता व गांठ के आकार पर प्रभाव हो सकता है। ग्वार, मक्का, बाजरा व लोबिया जैसे चारा फसलों की बुवाई के लिए यह उपयुक्त समय है। ध्यान रहे कि बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी जरूरी है। वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि पालक के फसल की कटाई करने के बजाय उन्हें जड़ सहित उखाड़ कर बाजार भेजें। खेत की मिट्टी

समय पर रोपाई कर प्याज की अधिक पैदावार लें

प्याज भी आलू की तरह लंबे समय तक रखे जाने वाली महत्वपूर्ण नकदी सब्जी फसल है। प्याज की मुख्य फसल रबी के मौसम में उगाई जाती है। खंड कृषि अधिकारी डा.महावीर सिंह मलिक के अनुसार, किसान चाहे तो वैज्ञानिक तकनीक से अधिक पैदावार की सलाह ले सकते हैं।

प्याज की उन्नत किस्में व बोने का समय: : हिसार-2, पूसा रोड, पूसा सफेद चपटी व पूसा व्हाइट राउंड अच्छी पैदावार देने वाली किस्में हैं। हिसार-2 किस्म के कंद लाल व भंडारण क्षमता अधिक है। प्याज की पौध रोपाई का उत्तम समय मध्य जनवरी तक है। उसके बाद पूरी जनवरी माह में भी रोपाई की जा सकती है।

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