किसान

कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से सम्बंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लोग कृषि के कार्य को करके अपनी जीविका उपार्जन करते है उन्हें किसान कहते है 
किसानो को निम्न बिन्दुओ से भी जाना जा सकता है 

1. जो फसलें उगाते हैं।

2. कृषक (farmer)

3. खेतिहर – खेती करने वाला।

4. जो खेत और फसल में अपना योगदान देते हैं।

5. जिनके पास स्वयं के खेत है और दूसरे कामगारों से काम करवाते हैं, किसान हैं।

6. किसान खेतों में पसीना बहाकर अन्न उपजाते हैं

किसानों का वेतन आयोग कब आएगा ?

देश में नौकर शाही वर्ग के लिए सांतवा वेतन आयोग की सिफारिश हो गई जो की देश की जनसँख्या के 7 से 12 प्रतिशत है लेकिन किसानो के लिए किसी सरकार द्वारा किसी आयोग की व्यवस्था नही की जिनकी  संख्या देश 60 से 70 प्रतिशत है किसान देश की अर्थव्यवस्था में भी 70 प्रतिशत हिस्से दारी रखते है फिर भी प्रत्येक सरकार द्वारा उपेक्षित हैं क्यों ?
मैं पूछता हूँ सभी सरकारी तंत्र से कि नौकरशाही की तरह किसानों की कोई व्यवस्था क्यों नही है प्रतिवर्ष किसानों को भी वृद्दि चाहिए 
परन्तु ऐसा नही हो रहा है किसानो के उत्पादन के मूल्य जस के तस है बाकी सभी वस्तुओं के मूल्य में लगातार वृद्धि हो रही है 

किसान खेती को जहरीला नहीं बनाएं

किसान खेती को जहरीला नहीं बनाएं

भूमि' कृषि प्रधान भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है। देश की दो तिहाई से अधिक आबादी आज भी  कृषि, पशुपालन और इससे सम्बंधित व्यवसायों पर निर्भर है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली देश की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पूरी तरह भूमि पर निर्भर है, लेकिन हाल के वर्षों में सरकार भूमि अधिग्रहण से ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि योग्य निजी और सार्वजनिक जमीन निरन्तर सिकुड़ती जा रही है।

किसान खेती को फायदे का धंधा बनाएं जरूर, लेकिन लोगों की जान की कीमत पर नहीं। किसानों को जैविक और परंपरागत खेती करने की सलाह भी दी। किसान खेती को जहरीला नहीं बनाएं। रसायनों का कम उपयोग करें।

खाद्य सुरक्षा अधिनियम सभी राज्यों में अप्रैल 2016 तक लागू करने की घोषणा

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केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम देश के सभी राज्यों में अप्रैल 2016 तक लागू करने की 21 जनवरी 2016 को घोषणा की. केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने नई दिल्ली में इसकी घोषणा की.

खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को 2 रुपए प्रति किलो गेहूं और 3 रुपए प्रति किलो चावल देने वाले राज्यों की संख्या पिछले वर्ष 11 से बढ़कर 25 हो गई थी. अभी तक देश भर में 97 प्रतिशत राशन कार्डों का डिजिटीकरण किया जा चुका है. 

खाद्य सुरक्षा अधिनियम के क्रियान्वयन से संबंधित मुख्य तथ्य:

दूर होगी दाल की किल्लत आईएआरआई के वैज्ञानिकों ने अरहर की तैयार की एक नई किस्म

दूर होगी दाल की किल्लत आईएआरआई के वैज्ञानिकों ने अरहर की  तैयार की एक नई किस्म

दाल कभी गरीबों का भोजन माना जाता था लेकिन अब दाल गरीबों के लिए एक दिवा स्वप्न से अधिक नही है दाल की किल्लत को देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के वैज्ञानिकों ने अरहर की एक नई किस्म तैयार की है जिसकी फसल न सिर्फ कम समय में पककर तैयार हो जाएगी बल्कि उससे उत्पादन भी अधिक होगा। इस किस्म के आने से जहां देश में दलहन का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है, वहीं यह किसानों के लिए विशेष फायदेमंद होगी।  दालों की आसमान छूती कीमतों के मद्देनजर एक राहत की खबर है।

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