किसान

कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से सम्बंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लोग कृषि के कार्य को करके अपनी जीविका उपार्जन करते है उन्हें किसान कहते है 
किसानो को निम्न बिन्दुओ से भी जाना जा सकता है 

1. जो फसलें उगाते हैं।

2. कृषक (farmer)

3. खेतिहर – खेती करने वाला।

4. जो खेत और फसल में अपना योगदान देते हैं।

5. जिनके पास स्वयं के खेत है और दूसरे कामगारों से काम करवाते हैं, किसान हैं।

6. किसान खेतों में पसीना बहाकर अन्न उपजाते हैं

पूरे देश में मनाया गया किसान दिवस

किसान दिवस

किसान हेल्प लाइन ने पूरे देश में पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस 23 दिसम्बर को  किसान  दिवस के रुप में मनाया ।देश के लगभग सभी राज्यों में

23 दिसम्बर को किसान दिवस मनाने की तैयारियां शुरू

किसान दिवस

किसान हेल्प लाइन ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस 23 दिसम्बर को  किसान  दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया है। kisanhelp के संरक्षक राधा कान्त जी ने मासिक कार्यक्रम में 23 दिसम्बर को पूरे देश में किसान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की  उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में 70% भागीदारी रखने वाला किसान आज़ादी से लेकर आजतक उपेक्षित रहा है

किसान बेचेंगे ऑनलाइन अनाज, कैबिनेट से मिली मंजूरी

किसान बेचेंगे ऑनलाइन अनाज, कैबिनेट से मिली मंजूरी

किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा कैबिनेट नेे राष्ट्रीय कृषि बाजार के लिए ऑनलाइन सेटअप तैयार करने को भी हरी झंडी दे दी है। इस योजनाओं की मंजूरी मिलने से इस क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपये खर्च करने का रास्ता साफ हो गया है। साथ ही किसान अब अपने अनाज को ऑनलाइन भी बेच सकते हैं।

गेहूं की कटाई के बाद बचे अवशेषों को खेतों में न जलाये

गेहूं की कटाई के बाद बचे अवशेषों को खेतों में न जलाये

आधुनिक तकनीक का कृषि में समझदारी से उपयोग करना बहुत जरुरी है। जैसे मजदूरों की कमी के विकल्प के तौर पर आई कंबाइन मशीन वर्तमान में खेती के लिए घातक बनती जा रही है। किसानों द्वारा गेहूं की कटाई के बाद बची पराती को खेतों में जलाया जाता है। जिससे मृदा के पोषक तत्व नष्ट हो जाते है और धुएं से निकलती जहरीली गैसें पर्यावरण को प्रदूषित कर देती है।

Pages