kisan

कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से सम्बंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लोग कृषि के कार्य को करके अपनी जीविका उपार्जन करते है उन्हें किसान कहते है 
किसानो को निम्न बिन्दुओ से भी जाना जा सकता है 

1. जो फसलें उगाते हैं।

2. कृषक (farmer)

3. खेतिहर – खेती करने वाला।

4. जो खेत और फसल में अपना योगदान देते हैं।

5. जिनके पास स्वयं के खेत है और दूसरे कामगारों से काम करवाते हैं, किसान हैं।

6. किसान खेतों में पसीना बहाकर अन्न उपजाते हैं

मोदी सरकार का किसानों को तोहफा,धान,दलहन समेत14 फसलों की एमएसपी बढ़ाई

मोदी सरकार का किसानों को तोहफा,धान,दलहन समेत14 फसलों की एमएसपी बढ़ाई

2 साल पूरा होने पर मोदी सरकार किसानों को तोहफा दिया  है। दरअसल, सरकार खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी में भारी इजाफा किया है।सरकार दालों की पैदावार बढ़ाने फोकस किया है। इसके लिए खरीफ सीजन में बोई जाने वाली दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी में जोरदार बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने दालों की एमएसपी में करीब 200 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। आज कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला हुआ। सरकार ने बुधवार को धान और दलहन समेत कुल 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिए। सरकार खास तौर पर दलहन की पैदावार बढ़ाने पर जोर दे रही है। एमएसपी बढ़ाना उसी दिशा में उठाया गया कदम

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे खेत

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे खेत

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे खेत एक तो तपती गर्मी ऊपर से लड़खड़ाती विद्युत व्यवस्था ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। सूखे पड़े खेत पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। नहरें-बंबे सूखे पड़े हैं। ट्यूबवेल बंद पड़े हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतापूर्ति के नाम पर तो सिर्फ दिखावा है। आपूर्ति न होने से किसान खेतों की ¨सचाई करने के लिए तरस रहे है। मई में पड़ रही रिकार्ड तोड़ गर्मी ऊपर से विद्युत की आंख-मिचौली शहरी ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का जीना मुहाल किए हुए है। विद्युतापूर्ति व्यवस्थित न होने से जहां एक ओर शहर के वा¨शदों को गर्मी, पानी के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर ग

खेती करना अब नहीं रहा लाभकारी पेशा: संसदीय समिति

कृषि के हालात के प्रति चिंता जताते हुए संसद की एक समिति ने कहा कि यह क्षेत्र अब लाभप्रद पेशा नहीं रह गया है। समिति ने सरकार से इसे अधिक लाभप्रद बनाने को कहा है। भाजपा के सांसद हुकुमदेव नारायण यादव की अगुवाई वाले कृषि मामले की स्थायी समिति ने कहा कि लघु एवं सीमांत किसानों की हालत दयनीय है और समिति ने सरकार को इस क्षेत्र के लिए वित्तीय आवंटन बढ़ाने का सुझाव दिया है। 

लैब से लैंड तक रिसर्च पहुंचाएंगे देश के 20 हजार एग्रीकल्चर साइंटिस्ट

लैब से लैंड तक रिसर्च पहुंचाएंगे देश के 20 हजार एग्रीकल्चर साइंटिस्ट

एग्रीकल्चर रिसर्च सेक्टर में तेजी से युवा आ रहे हैं। यही वजह है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) नईदिल्ली से जुड़े कृषि विवि, इंस्टीट्यूट और डायरेक्ट्रेड में आज 20 हजार एग्रीकल्चर साइंटिस्ट हैं। इनकी मदद से एग्रीकल्चर रिसर्च को लैब से लैंड तक पहुंचाया जा रहा है। मेरा गांव-मेरा गौरव योजना से इन्ह देश के 20 हजार गांवों से जोड़ा जा रहा है।

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