रबी फसल के लिये फायदेमंद है तापमान का गिरना
उत्तर भारत में मौसम का मिजाज बदला बदला सा है। पिछले गुरुवार से अहले सुबह से ही आसमान में कोहरा छा जा रहा है। इस प्रकार की स्थिति सुबह देर तक बनी रहती है। इसके कारण ठंड का अहसास लोगों को होना शुरू हो
गया है तो गर्म कपड़ों की बिक्री आरंभ हो गयी है। गुरुवार की सुबह अचानक कोहरा छा जाने से लोगों को हैरानी हुई थी,लेकिन अब यह लगातार छा जा रहा है तो लोगों को ठंड का अहसास होना स्वाभाविक है।
रबी फसल के लिये है फायदेमंद-
वैसे उत्तर भारत कुछ जगह को छोड़ कर सितम्बर माह से ही बारिश नहीं होने से खेतों से नमी गायब है। परिणाम है कि इस वर्ष दलहन व तिलहन की खेती नहीं हो सकी है। अधिकांश खेत परती पड़े हैं तो डीजल पम्प से ¨सचाई कर आलू की खेती की गयी है। आम तौर पर 15 नवम्बर के बाद गेहूं की खेती आरंभ की जाती है। किसान खेतों की ¨सचाई कर गेहूं लगाने की तैयारी में हैं। ऐसी स्थिति में रात का तापमान गिरना आवश्यक है। कोहरा छाने से रात व सुबह के तापमान में गिरावट आती है। इससे रबी फसलों का जन्मदर बढ़ता है। इसके पूर्व दिन व रात के तापमान में मामूली अंतर रहने से लगायी जा रही फसलों का सही अंकुरण
नहीं हो पा रहा था। तापमान अधिक रहने के कारण कुछ किसानों के आलू की फसल अंकुरण आने के बाद भी खराब हो रही थी। कोहरा छाने से रात व सुबह का तापमान गिरने से फसल का अंकुरच अच्छा होगा जिसका लाभ किसानों को मिलेगा। दिन के तापमान लगभग अनुकूल रहने से किसी प्रकार के नुकसान की कतई संभावना
नहीं है।
कैसे बनता कोहरा- कोहरा ठंडी आर्द्र हवा में बनता है। और इसके अस्तित्व में आने की प्रक्रिया बादलों जैसी होती है। गरम हवा की अपेक्षा ठंडी हवा अधिक नमी लेने में सक्षम होता है और वाष्पिकरण के द्वारा
यह कोहरा बादल का आकार लेता है जो भूमि के बहुत निकट बनता है। बादल का वह भाग जो उपरी भूमि के सम्पर्क में आता है कोहरा कहलाता है। जिसका निर्माण इस वर्ष समय से पूर्व होना आरंभ हो गया है जो रबी फसल के लिये बेहद फायदेमंद है।
राधा कान्त जी नें भी ऐसे मौसम को रवी की फसलों के लिए लाभकारी बताया उन्होंने कहा कि ऐसे मौसम में किसान भाई गेहूं , सरसों , चना , आलू आदि में नमी का धयान रखें फसलों में सूक्ष्म तत्वों का प्रयोग करें
उन्होंने सूक्ष्म तत्वों के बारे में कहा कि सभी सूक्ष्म तत्व जैविक रूप में प्राप्त हॉट है और बनाये भी जा सकते हैं