सफेद मक्खी से मूंग की फसल को बचाएं कुछ प्रश्न
चाचा: अरे दीनू खेत में बहुत व्यस्त हो क्या?
दीनू: चाचा कुछ नहीं बस पौधों की देखभाल में लगा हूं।
चाचा: और बताओ क्या हाल है?
दीनू: बाकी सब बढिय़ा है, बस फसल में थोड़ी दिक्कत है।
चाचा: क्या हुआ? कुछ
बताओ, हो सकता है मदद कर सकूं।
दीनू: चाचा मूंग की फसल लगाई है। पिछले दो दिनों से देख रहा हूँ कि इसकी पत्तियों में सुनहरे चकत्ते दिखाई पड़ रहे हैं और पत्तियां पीली पडऩी शुरू हो गई हैं।
चाचा: यह लक्षण तो चित्रवर्ण रोग का है और ये सफेद मक्खी से फैलता है।
दीनू: चाचा कुछ उपाए बताइए, वरना तो यह पूरी फसल चौपट कर देगा।
चाचा: देखो ऐसा करो कि जिस पौधे में यह रोग लग गया है, उन्हें उखाड़कर जमीन में दफना दो।
दीनू: ठीक है चाचा ऐसा ही करता हंू पर कीट का तो इलाज बताइए?
चाचा: सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए डाइमिथोएट 30 ईसी 1 लीटर या मिथाइल ओ-डिमेटान (25 ईसी) 1 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से दो-तीन छिड़काव करो।
दीनू: तो चाचा इससे सफेद मक्खी का इलाज हो जाएगा न?
चाचा: बेफिक्र रहो सब ठीक हो जाएगा।
दीनू: चाचा मैं आपके पास ही आने वाला था पर आप यहीं मिल गए तो मैंने अपनी दिक्कत यहीं पूछ ली।
चाचा: दिक्कत दूर होनी चाहिए, चाहे खेत पर हो या घर पर।
दीनू: चाचा कोई फसल समझ में नहीं आ रही थी तो मूंग बो दी थी।
चाचा: दलहनी फसलें लगाना चाहिए, इससे जमीन की उर्वरक क्षमता सुधरती है।
दीनू: हां चाचा लेकिन इसमें मुनाफा बहुत कम है।
चाचा: अक्लमंद वही होता है जो बड़े फायदे के लिए छोटा नुकसान उठाने से न झिझके।
दीनू: ठीक है चाचा जल्दी से दवा लाता हूं। अब चल रहा हूं चाचा राम राम।
चाचा: राम राम।
साभार गांव कनेक्शन