तैयार करें टमाटर की नर्सरी
ऐसे तैयार करें नर्सरी
नर्सरी के लिए एक मीटर चौड़ी व 3 मीटर लम्बी, 10 से 15 सेमी ऊंची क्यारियां बनाएं और 5 ग्राम ट्राइकोडरमा प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। गर्मी की फसल के लिए दिसम्बर-जनवरी में तथा सर्दी की फसल के लिए सितम्बर माह में नर्सरी लगाएं। एक हेक्टेयर में पौध रोपण हेतु 400 से 500 ग्राम बीज तथा संकर किस्मों के लिए 150 से 200 ग्राम बीज प्रति हेक्टेयर उपयुक्त रहती है।
कीड़ों से बचाएं
नर्सरी में पौधों को कीड़ों के प्रकोप से बचाने के लिए नीम तेल 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर या साथ में जाइनेब या मेन्कोजेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें।
ड्रिप सिंचाई विधि
ड्रिप सिंचाई विधि से अगर सिंचाई करनी हो तो पौध रोपण एक मीटर चौड़ी तथा 10-15 सेमी ऊंची क्यारी पर पौधें की रोपाई करनी चाहिए।
जलवायु एवं भूमि
टमाटर की फसल के लिए आदर्र्श तापमान 20-25 सेन्टीग्रेड होता है। अगर तापमान 43 सेंटीग्रेड हो जाये तो फूल तथा अपरिपक्व फल गिरने लगते हैं और यदि तापमान 13 सेन्टीग्रेड से कम या 35 सेन्टीग्रेड से ज्यादा होने पर फल कम आते हैं।
उन्नत किस्में
पूसा रूबी, पूसा अर्ली ड्वार्फ , पूसा-120, मारग्लोब, पंजाब छुआरा, सलेक्शन-120, पंत बहार, अर्का विकास, हिसार अरूणा (सलेक्शन-7), एमटीएच-6, एचएस-101, सीओ-3, सलेक्शन-152, पंजाब केसरी, पंत टी-1, अर्का सौरभ, एस-32, डीटी-10।
संकर किस्में
कर्नाटक हाइब्रिड, रश्मी, सोनाली, पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड-2, एआरटीएच-1 या 2 या व 3, एचओई-606, एनए-601, बीएसएस-20, अविनाश-2, एमटीएच-6।
रोपण
जब पौधे 10 से 15 सेमी लम्बे (चार से पांच सप्ताह के) हो जाएं तो इनका रोपण खेत में कर देना चाहिए। पौध की रोपाई खेत में शाम के समय 75-75 से.मी दूरी पर वर्षा ऋतु की फसल के लिए तथा 50-30 से 45 सेमी की दूरी पर गर्मी के लिए करें। संकर किस्मों को खेत में 90-45 सेमी की दूरी पर लगाएं एवं बढ़वार के समय लाईन के ऊपर लोहे के तार पर सूतली की सहायता से सहारा (स्टेकिंग) दें।
खाद एवं उर्वरक
पौधों की रोपाई के एक माह पहले 150 क्विंटल पकी हुई गोबर की सड़ी खाद खेत में डाल कर भली भांति मिला दें। पौध लगाने से पूर्व 60 किलो नत्रजन, 80 किलो फॉस्फोरस एवं 60 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में डाल (ऊर) दें। पौधे लगाने के 30 दिन बाद 30 किलो नत्रजन की मात्रा खड़ी फसल में देकर सिंचाई करें। संकर किस्मों में 300 से 350 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद 180 किलो नत्रजन,120 किलो फॉस्फोरस एवं 80 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से दे।
सिंचाई एवं निराई गुड़ाई
सर्दी में 8 से 10 दिन व गर्मी में 6 दिन के अंतराल से आवश्यकतानुसार सिंचाई करनी चाहिए। बून्द-बून्द सिंचाई से 60-70 प्रतिशत पानी की बचत के साथ-साथ 20-25 प्रतिशत उत्पादन अधिक प्राप्त किया जा सकता है। पौध लगाने के 20 से 25 दिन बाद प्रथम निराई-गुड़ाई करें। आवश्यकतानुसार दुबारा निराई-गुड़ाई कर खेत को खरपतवार रहित रखना चाहिए।
डॉ. उमेश कुमार
राजीव कुमार
केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र लखनऊ