मृदा के सूक्ष्म तत्वों को जीवन देगा जीवामृत
रासायनिक खादों के प्रयोग से निर्जीव सूक्ष्म तत्वों को सक्रिय किया जाएगा। इसके लिए वैज्ञानिकों ने गोमूत्र से जीवामृत तैयार करने की नई खोज की है। इसके प्रयोग से सूक्ष्म तत्व सक्रिय होने के साथ ही पौधों की ग्रोथ बढ़ेगी। इससे फसलों की पैदावार में इजाफा होगा।
किसान बिना मृदा परीक्षण कराए अपनी फसलों में अंधाधुंध रासायनिक खादों का प्रयोग कर रहे हैं। इससे पौधों को पोषण देने वाले सूक्ष्म तत्व निष्क्रिय हो गए हैं। हाल ये है कि खादों के प्रयोग के बाद भी ये पौधों को पोषक तत्व देने के लिए सक्रिय नहीं हो रहे हैं। इससे दिनोंदिन पैदावार कम होती जा रही है। वैज्ञानिकों द्वारा गोमूत्र से तैयार आयुर्वेदिक जीवामृत सूक्ष्म तत्वों को सक्रिय करेगा। इसके अलावा वह सक्रिय सूक्ष्म तत्वों में प्रजनन की क्षमता बढ़ाने का काम भी करेगा। वैज्ञानिक कहते हैं कि जीवामृत आसान तरीके से तैयार किया जा सकता है। बीस लीटर गोमूत्र में दस किलो गाय का गोबर, एक किलो देसी गुड़, आधा किलो चने का बेसन लेकर एक ड्रम में उसका घोल बना लें। इस घोल को 25 दिन तक रखा रहने दें। इसके बाद तैयार किए इस घोल को एक एकड़ फसल में सिंचाई करते समय पानी के साथ प्रयोग करें। एक सप्ताह में वह अपना असर दिखाना शुरू कर देगा। पौधों के पीले पत्ते गहरे हरे रंग के हो जाएंगे। पौधे तेजी से बढ़ने लगेंगे।
जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा ने बताया कि अधिक लागत के बाद किसानों को कम पैदावार मिल रही है। इसके चलते सरकार जैविक और आयुर्वेदिक टॉनिक तैयार कर उनके प्रयोग पर जोर दे रही है, जिससे किसान कम लागत में अधिक पैदावार ले सकें। साथ ही खत्म होते सूक्ष्म पोषक तत्वों को भी बचाकर रख सकें।
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साभार जागरण