सूक्ष्म सिंचाई का राष्ट्रीय मिशन (NMMI)
सूक्ष्म सिंचाई का राष्ट्रीय मिशन (एनएमएमआई) को एक मिशन के रूप में जून २०१० में आरम्भ किया गया था। NMMI पानी के इस्तेमाल में बेहतर दक्षता, फसल की उत्पादकता और किसानों की आय में वृद्धि करने के लिये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफ़एसएम), तिलहनों, दालों एवं मक्का की एकीकृत योजना (आईएसओपीओएम), कपास पर प्रौद्योगिकी मिशन (टीएमसी) आदि जैसे बडे सरकारी कार्यक्रमों के अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई गतिविधियों के समावेश को बढावा देगा। नये दिशानिर्देश पानी के उपयोग की दक्षता में वृद्धि, फसलों की उत्पादकता में वृद्धि करेंगे तथा पानी के खारेपन व जलभराव जैसी मुद्दों का हल भी प्रदान करेंगे।
इस योजना की विशेषताएं हैं:
- भारत सरकार के शेयर के अंतर्गत छोटे तथा सीमांत किसान ६० प्रतिशत सब्सिडी प्राप्त करेंगे तथा अन्य लाभार्थियों के लिये ५ हेक्टेयर क्षेत्र तक ५० प्रतिशत।
- सूक्ष्म सिंचाई के लिये उन्नत प्रौद्योगिकी के नई उपकरणों का उपयोग, जैसे अर्ध स्थायी स्प्रिंकलर प्रणाली, फर्टिगेशन प्रणाली, रेती का फिल्टर, विभिन्न प्रकार के वॉल्व आदि।
- ज़िलों के बजाय राज्य की लागूकरण एजेंसियों को केन्द्रीय शेयर का जारीकरण।
इस योजना में एक प्रभावी सुपुर्दगी प्रणाली भी है जो सकल खेती के अंतर्गत बढे क्षेत्र के लिये लाभार्थियों, पंचायतों, राज्य की लागूकरण एजेंसियों और अन्य पंजीकृत प्रणाली प्रदाताओं के बीच सघन समन्वय की मांग को पूरा करेगी।
नोडल समिति के रूप में बाग़वानी में प्लास्टिकल्चर के अनुप्रयोग पर राष्ट्रीय समिति (एनसीपीएएच) देश में एनएमएमआई के प्रभावी लागूकरण पर उचित नीतिगत उपाय प्रदान करती है। एनसीपीएएच २२ प्रिसिज़न फार्मिंग डेवलपमेंट सेंटर्स (पीएफ़डीसी) के प्रदर्शन और देश में आम तौर पर सूक्ष्म कृषि विधियों के समग्र विकास व उच्च-तकनीक के हस्तक्षेपों की प्रभावी निगरानी करती है।