सब्जियां

सेम की व्यावसायिक खेती

सेम सब्जियों के अंतर्गत रोहिलखंड क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण फसल है। यहां लगभग 15500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सेम की खेती सफलतापूर्वक की जाती है। सब्जियों में सेम एक दलहनी सब्जी के अंतर्गत आती है, इसलिए पोषण के दृष्टिकोण से बाजार में इसकी बहुत मांग है। सेम की खेती यदि व्यावसायिक रूप से, व वैज्ञानिक विधि से की जाए तो एक तरफ जहां प्रति इकाई क्षेत्रफल में लागत कम आती है, वही दूसरी तरफ कीट बीमारी प्रबंधन के एकीकृत तकनीकों को अपनाकर कृषक अपनी लागत कम करके आय में अधिक वृद्धि कर सकते हैं। साथ ही जो उत्पाद बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा वह खाने के लिए सुरक्षित होगा। सेम लगाने के लिए ऐसी जगह का चुना

मई में किसान करें सब्जियों की खेती

सही समय पर सही फसल की बुवाई कर किसान अच्छी उपज के साथ मुनाफ़ा भी बेहतर पा सकते हैं. इसके लिए उन्हें यह भी जानना बहुत जरूरी है कि वे फसलों की बुवाई (crop cultivation) में किन फसलों को लें, जिससे उन्हें मुनाफ़ा बेहतर मिल सके. इसी कड़ी में अगर किसान सब्जियों की बुवाई करना चाहते हैं तो आज हम इसी संबंध में जानकारी देने वाले हैं कि किसान मई (may crops) में किन सब्जियों की खेती कर सकते हैं.

फूलगोभी (cauliflower farming)

लौकी ,तोरई टिंडा आदि फसलों की खेती

गर्मियों में बेल वाली सब्जियाँ जैसे लौकी, तरोई, टिंडा आदि की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यह तीनों ही फसलें हरी तरकारीओं में आती हैं । इस समय क्योंकि बाजार में जाड़े की सब्जियां आना कम हो जाती है और उपभोक्ता नई हरी ताजी सब्जी का स्वाद लेना चाहते हैं तो ऐसे में इन तीनों ही सब्जियों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। गर्मियों में इन सब्जियों की खेती करके प्रति इकाई क्षेत्रफल में अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। लौकी, तरोई, टिंडा को लगाने का उचित समय फरवरी का द्वितीय सप्ताह है। अगेती फसल के रूप में किसान दिसंबर के प्रारंभ में पॉली टनेल में नर्सरी तैयार कर सकते हैं और फरवरी के प्रथम सप्ताह में जब ब

पलवार ( प्लास्टिक मल्च) एक उन्नत तकनीक

पलवार ( प्लास्टिक मल्च) वह तकनीक है जिसमें भूमि की सतह पर जैविक व अजैविक दोनों प्रकार की सामग्री का प्रयोग फसल उत्पादन में इस प्रकार किया जाता है कि फसल में पानी या नमी की कमी ना हो, खरपतवार की रोकथाम हो, मृदा तापमान में स्थिरता रहे व मृदा की उर्वरता बढे। इन सब गुणों को बनाये रखने हेतु पलवार का प्रयोग किया जाता है। वैसे तो पलवार का प्रयोग जाड़े व गर्मी दोनों ही ऋतुओं में किया जा सकता है, पर मुख्यतः गर्मियों में बोई जाने वाली फसलों के लिए यह विशेष लाभदायक है।पलवार पौधे की विकास के लिए एक सूक्ष्म जलवायु प्रदान करता है जिससे मृदा में नमी, पर्याप्त तापमान, आर्द्रता, कार्बन डाइऑक्साइड और सू

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