Aksh's blog

रुको कहीं आपके भोजन में मीठा जहर तो नही......

रुको कहीं आपके भोजन में मीठा जहर तो नही......

देश की एक बड़ी आबादी धीमा ज़हर खाने को मजबूर है, क्योंकि उसके पास इसके अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है. हम बात कर रहे हैं भोजन के साथ लिए जा रहे उस धीमे ज़हर की, जो सिंचाई जल और कीटनाशकों के ज़रिए अनाज, सब्ज़ियों और फलों में शामिल हो चुका है. देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में आर्सेनिक सिंचाई जल के माध्यम से फसलों को ज़हरीला बना रहा है. यहां भू-जल से सिंचित खेतों में पैदा होने वाले धान में आर्सेनिक की इतनी मात्रा पाई गई है, जो मानव शरीर को नुक़सान पहुंचाने के लिए का़फी है. इतना ही नहीं, देश में नदियों के किनारे उगाई जाने वाली फसलों में भी ज़हरीले रसायन पाए गए हैं.

अब तो बंद करो जहर की खेती

  जहर की खेती

 

हरित क्रांति के वक्त खाद्यान्न की पैदावार का संकट था इसलिए रासायनिक खाद और पेस्टिसाइड को प्रोत्साहन दिया गया। लेकिन उसके दुष्परिणामों पर वक्त रहते गौर नहीं किया गया। हरित क्रांति के अगले दस साल में ही इसका बुरा असर भी दिखने लगा था।

 

वैज्ञानिकों ने "मिड टर्म" करेक्शन नहीं किया। इन्होंने पैदावार का जो संकट आ रहा था, उसका समाधान ज्यादा से ज्यादा रासायनिक खाद ही बता डाला।

 

जैविक खेती से बढ़ता उत्पादन

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जैविक उत्पादन हमारी सेहत के लिए सबसे कारगर हैं। जैविक उत्पाद खाने से तमाम बीमारियाँ दूर रहती हैं और शरीर स्वस्थ रहता है। खेती की लागत कम आती है और उत्पादन भरपूर मिलता है। यही वजह है कि सरकार की ओर से कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जैविक खेती को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। जैविक खेती से मिट्टी की उर्वराशक्ति भी बच रही है। साथ ही प्रदूषण नियन्त्रण की दिशा में बेहतर काम हो रहा है। लोगों के मन में जैविक उत्पाद के प्रति आकर्षण भी बढ़ा है। इस वजह से भी किसानों को जैविक उपज का भरपूर मूल्य मिल रहा है। सरकार की ओर से भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरुक किया जा रहा है। यदि पूर

किसानों की जीत

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"लागा रे लागा, अब ग्रहण भूमि पर लागा.
जागा रे जागा, आक्रोश किसान का जागा."

यह कानून वास्तविक अर्थो में असवैधांनिक और व्यक्ति के नागरिक अधिकारों को प्रतिवंधित करने वाला है. इस कानून के पारित होने के बाद अगर राज्यपाल इस पर हस्ताक्षर कर देते है तो किसी भी अधिकारी या मंत्री के विरुद्ध न्यायिक प्रकरण दर्ज करना या एफ.आई.आर दर्ज करना कठिन और दुष्कर कार्य हो जायेगा. 

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