चना

चना एक प्रमुख दलहनी फसल है।चने की ही एक किस्म को काबुली चना या प्रचलित भाषा में छोले भी कहा जाता है। ये हल्के बादामी रंग के काले चने से अपेक्षाकृत बड़े होते हैं। ये अफ्गानिस्तान, दक्षिणी यूरोप, उत्तरी अफ़्रीका और चिली में पाए जाते रहे हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में अट्ठारहवीं सदी से लाए गए हैं, व प्रयोग हो रहे हैं।

किसानों ने दिखाया गेहूँ और दलहनी फसलों पर भरोसा, तिलहनी फसलों की बुबाई की कम

मौसम की बदलती करवट के चलते किसानों ने रवि फसल में गेहूं चना मटर दलहन पर भरोसा जताया है जबकि तिलहन ऊपर किसानों का भरोसा इस वर्ष कम देखने को मिल रहा है जिसके चलते तिलहन फसलों का एरिया लगातार घटता जा रहा है
चालू सीजन में गेहूं की बुआई बढ़कर 277.91 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुआई 250.02 लाख हेक्टेयर में हुई थी. वहीं दलहन की बुआई बढ़कर 131.46 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 131.38 लाख हेक्टेयर में दालों की बुआई हुई थी. रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुआई पिछले साल के 86.70 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 89.28 लाख हेक्टयेर में हो चुकी है.

रबी की फसल की बुबाई के समय रखें सावधानियाँ

रबी की फसल की बुबाई के समय रखें सावधानियाँ

इन फसलों की बोआई के समय कम तापमान तथा पकते समय शुष्क और गर्म वातावरण की आवश्यकता होती हैं। ये फसलें सामान्यतः अक्टूबर-नवम्बर के महिनों में बोई जाती हैं। रबी में सिंचाई के लिए हमें नलकूप तालाब कुवे और भूमिगत जल संसाधनों पर आश्रित रहना पड़ता हैं । इस बार रबी के मौसम में  सूखे की संभावना बहुत हैं इस लिए किसान भाई अपनी खेती की कार्य योजना बहुत सोच समझ के बना नी हैं ।
फसल के अच्छे उत्पादन के लिए इस प्रकार योजना बनाये

गेहूं की उपज घटी , किसानों का दर्द छलका

गेहूं की उपज घटी , किसानों का दर्द छलका

प्रकृति की मार का असर रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं पर साफ नजर आने लगा है। थ्रेसिंग के दौरान गेहूं का उत्पादन काफी कम होने से किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही हैं। किसान यह सोचकर परेशान नजर आ रहा है कि अब साल भर परिवार का पेट कैसे पलेगा।  समय से पहले भीषण गर्मी पड़ने और तेज धूप निकलने से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल झुलसने लगी है। इससे गेहूं की फसल समय से पहले पक तो गई लेकिन दाना कमजोर और उत्पादन घटने की समस्याएं सामने आने लगी हैं।

किसान पर फिर आया संकट, रबी की फसल पर कीटों का हमला

किसान पर फिर आया संक , रवी की फसल पर कीटों का हमला

किसान अभी चौकन्ने न हुए तो कीट उनकी फसल को चंद दिनों में ही चौपट कर देंगे। पिछली रबी और खरीफ की फसलें चौपट होने से लुटे-पिटे किसानों के लिए मौसम ने नई मुसीबत पैदा कर दी है। गेंहूं की फसल पर दीमक और चने की फसल पर इल्ली ने हमला बोल दिया है। इसकी वजह बादल छाने और मौसम में नमी की अधिकता बताई जा रही है। 

इन दिनों खेतों में खड़ी गेहूं की फसल के लिए तापमान की यह तेजी नुकसान का कारण बन सकती है। बढ़वार पर आई फसल के लिए अधिक तापमान नुकसान का कारण बन सकता है। जहां पहले बोवनी हो गई थी और फसल अधिक बड़ी हो गई है, उसके लिए और भी अधिक नुकसान होगा।

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