जैविक कृषि सुरक्षा

अमरूद की ये नई किस्में देंगी 25 साल तक फल

अमरूद की खेती

बरसात का मौसम बागवानी के लिए अच्छा माना जाता है। इस समय अमरूद की बागवानी की जा सकती है। कृषि वैज्ञानिकों ने अमरूद की कुछ नई किस्म तैयार की है, जो एक बार लगाने के 25 साल तक फलते रहेंगे। 

बनाया जा सकता है "हवा उर्वरक" र्हिज़ोबियम

कृषि उत्पादन में, फसल की उपज पर नाइट्रोजन उर्वरक के स्तर पर एक बड़ी भूमिका निभाता है। लोग हवा से अधिक 5,000 टन को रोकने के लिए जमीन का एक एकड़ से अधिक एक बहुत अमीर नाइट्रोजन (हवा सामग्री के बारे में 4/5), जिसमें पता है। दुर्भाग्य से, नाइट्रोजन की इतनी बड़ी राशि, फसलों सीधे अवशोषित और उपयोग नहीं किया जा सकता है। rhizobia साथ फली सहजीवन वहाँ हवा में नाइट्रोजन के अणुओं पर कब्जा कर सकते हैं एक विशेष करने की क्षमता है, और यह नाइट्रोजन उर्वरक संयंत्र का एक बहुत प्रदान करने के लिए, अमोनिया और hydrazine के लिए तय हो गई है।

प्रकृति की अव्यवस्था पर एक नज़र

पृथ्वी पर कोई भी जीव एकल जीवन व्यतीत नहीं कर सकता है इसलिए मानव और प्रकृति की परस्पर आत्मनिर्भरता एवं सद्भावनाओं को समाप्त करने से हमारा पारिस्थितिकी तंत्र डगमगा रहा है। पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ती जनसंख्या, औद्योगीकरण, वैभव और ऐश्वर्य प्राप्त करने के उतावलेपन और पर्यावरण पर विजय पाने की लालसा ने प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इससे हमारा स्थायी विकास होना तो दूर हम अपना मानसिक संतुलन ही खोते जा रहे हैं। प्रकृति द्वारा करोड़ों वर्ष की यात्रा के उपरान्त बना हमारा प्राकृतिक पर्यावरण मानव की दुश्वृत्तियों के कारण नष्ट होता जा रहा है।

जैविक मृदा में जैविक खाद का योगदान

● जैविक खादों के प्रयोग से मृदा का जैविक स्तर बढ़ता है, जिससे लाभकारी जीवाणुओं की संख्या बढ़ जाती है और मृदा काफी उपजाऊ बनी रहती है।
● जैविक खाद पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक खनिज पदार्थ प्रदान कराते हैं, जो मृदा में मौजूद सूक्ष्म जीवों के द्वारा पौधों को मिलते हैं जिससे पौधों स्वस्थ बनते हैं और उत्पादन बढ़ता है।
● रासायनिक खादों के मुकाबले जैविक खाद सस्ते, टिकाऊ तथा बनाने में आसान होते हैं।
इनके प्रयोग से मृदा में ह्यूमस की बढ़ोतरी होती है व मृदा की भौतिक दशा में सुधार होता है।

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