आदर्श गांवों को सिखाए जाएंगे खेती के गुर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित 593 गांवों को अब आदर्श खेती के गुर सिखाए जाएंगे। आगामी खरीफ सीजन की खेती से ही कार्यक्रम की शुरुआत कर दी जाएगी। प्रत्येक आदर्श गांव में संचालित कार्यक्रम में वहां के किसानों को जैविक कृषि, खेतों की मिट्टी की जांच और फर्टिलाइजर के संतुलित प्रयोग के तौर-तरीके सिखाए जाएंगे।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मंत्रालय ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसके तहत फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की सांसद आदर्श गांवों में रहने वाले किसानों को प्रशिक्षित करने की योजना है। इसका संचालन जल्दी ही सभी राज्यों में एक साथ किया जाएगा।
प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार सांसद आदर्श गांव योजना को सफल बनाने के लिए गरमी की छुट्टियों में प्रशिक्षण अभियान चलाया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्रालय को इसके लिए नोडल मंत्रालय बनाया गया है। प्रशिक्षण का काम आगामी खरीफ सीजन (जुलाई) की खेती की तैयारियों के तहत किया जाएगा, ताकि किसानों को इसी सीजन में सहूलियत मिलनी शुरू हो जाए।
प्रस्तावित कार्यक्रम में खेतों में उन्नत प्रजाति की फसलों की जैविक खेती का किसानों के खेतों पर प्रदर्शन भी किया जाएगा। गांव के सभी खेतों की मिट्टी की जांच, खेती की तरह-तरह की आधुनिक मशीनों और अन्य आधुनिक तकनीकी का प्रदर्शन किया जाएगा। इसका मूल उद्देश्य फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने का तौर-तरीका सिखाना होगा।
प्रत्येक गांव में प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम दो दिनों का होगा। प्रशिक्षण का दायित्व राष्ट्रीय जैविक खेती व केंद्रीय उर्वरक गुणवत्ता नियंत्रण एवं प्रशिक्षण संस्थान संबंधित राज्यों के सहयोग से निभाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला स्तर पर स्थापित कृषि विज्ञान केंद्रों की अहम भूमिका होगी।
राज्य स्तरीय कृषि अधिकारी भी इसमें हिस्सा लेंगे। प्रशिक्षण का उद्देश्य कृषि में आधुनिक तकनीकी के उपयोग और फर्टिलाइजर के संतुलित प्रयोग से उत्पादन बढ़ाने को लेकर किसानों को जागरूक किया जाएगा। सांसद आदर्श गांव योजना की शुरुआत अक्टूबर, 2014 में हुई थी। यह ग्रामीण विकास का एक अहम कार्यक्रम है।
- साभार जागरण