नमूने फेल हुए तो रोक दी गेहूं की खरीद
भारतीय खाद्य निगम की ओर से जिले में सरकारी खरीद केंद्रों पर खरीदे गए गेहूं के सात नमूने फेल किए जाने के बाद किसानों की चिंता और बढ़ गई है। हालात यह हैं कि गांवों में स्थापित क्रय केंद्रों पर खरीद रोक दी गई है।
सरकारी एजेंसियों का कहना है कि किसानों से खरीदे गए गेहूं को एफसीआई ने स्वीकार नहीं किया तो उसका वह क्या करेंगे। किसानों को मजबूरन खुले बाजार में सस्ते दामों को अपनी उपज बेचनी पड़ रही है।
जिले में इस बार करीब दो लाख हेेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल बोई गई। इसमें से अधिकतर फसल मार्च और अप्रैल माह में हुई बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि में तबाह हो चुकी है। इससे बचकर जो फसल किसानों के घर पहुंची है उसकी गुणवत्ता एफसीआई के मानकों पर खरी नहीं रही है।
हालांकि केंद्र सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए गेहूं की गुणवत्ता में छूट प्रदान की है, लेकिन इसके बाद भी जिले का गेहूं मानकों पर खरा नहीं उतर रहा है।
इस बार जिले में सहकारी समितियां, भारतीय खाद्य निगम, खाद्य एवं विपणन विभाग और यूपी स्टेट एग्रो की ओर से गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। अब तक इन केंद्रों के माध्यम से खरीदे गए गेहूं के नमूने जब केंद्र सरकार की खरीद एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को भेजे गए तो वह मानकों पर फेल हो गए। इसमें गेहूं के पांच नमूने पीसीएफ, एक एफसीआई टैंटीगांव का और एक खाद्य एवं विपणन विभाग का मंडी से एकत्रित नमूना शामिल था।