मौसम के तेवर सख्त सोयाबीन किसान सकते में
पानी की कमी व मौसम के मिजाज ने अब किसानों उम्मीद पूरी तरह खत्म कर दी है। पहले तो किसान धान की फसल से उम्मीद छोड़ रहे थे अब सोयाबीन से भी अपनी उम्मीद छोड़ने लग गए हैं। सोयाबीन के खेतों में दरार पड़ने लगी है।
अब तक फसलों के लिए अपेक्षित बारिश हो नहीं पाई है। अब तक महज 710 मिलीमीटर ही बारिश हो पाई है जो कि फसलों के लिए पर्याप्त नहीं कहा जा सकता है। हालांकि किसान सोयाबीन की फसल से उत्साहित थे। खेतो में फसल भी ठीक थी, किन्तु पिछले एक स्पताह से ज्यादा समय से बारिश नहीं हुई है। ताममान में बढ़ोतरी भी दो रही है इससे किसान सोयाबीन की पᆬसल से भी उम्मीद छोड़ने लगे हैं।
सोयाबीन मे भी किसान कर रहे सिंचाई
कम बारिश को सोयाबीन के पᆬसल के लिए उपयुक्त माना जाता है, किन्तु ठीक फलने के समय बारिश के नहीं होने तथा खेतों में दरार के चलते अब सोयाबीन उत्पादक कृषक भी सोयाबीन की फसलों में सिंचाई की जुगत लगा रहे हैं। वहीं सिचाई करने के बाद भी सोयाबीन में फल लग पाएंगे इसमे संशय बना हुआ है। किसानों की माने तो जिस ढंग से मौसम के तेवर देखने को मिल रहा है। इसी तरह दो चार दिन तापमान में कमी नहीं आ पाई तो किसानों को सोयाबीन की फसल से भी हाथ धोना पड़ सकता है।
सिंचाई साधन वाले खेतों में ही पᆬसल सही ससलामत
सिंचाई के साधन किसानों के पास स्वयं के ट्यूबवेल के अलावा और कोई साधन नहीं है। निजी ट्यूबवेल में बिजली की अनियमितता ने परेशानी बढ़ा दी है। कृषि विभाग के अनुसार सिपर्ᆬ साधन वाले किसानों की पᆬसल ही अब तक कुछ हद तक सुरक्षित है। बाकी के तो भगवान ही मालिक है।
साभार नई दुनिया