रासायनिक खाद के खतरों को जाना, कर रहे जैविक का प्रयोग
रासायनिकखाद्य से खेतों के साथ मानव स्वास्थ्य को काफी खतरा पहुंचता है। यही कारण है की अब बड़ी संख्या में किसानों का जैविक खेती की ओर तेजी से रुझान बढ़ रहा है। किसान अपने खेतों में रासायनिक खाद्य का उपयोग करना छोड़ जैविक खाद्य का ही उपयोग कर रहे हैं। जैविक खेती से उत्पादन भी बेहतर ढंग से हो रहा है। किसानों के रुझान को देखते बाजार में भी जैविक खाद्य बिकने पहुंच रही है।
पहले किसान गोबर के साथ जैविक खाद्य का ही उपयोग खेतों में करते थे लेकिन ज्यादा उत्पादन की लालच में किसानों ने रासायनिक खादों का उपयोग करना शुरू कर दिया था। रासायनिक खाद्य से उत्पादन तो बढ़ रहा था लेकिन इससे सेहत के साथ खेतों को काफी नुकसान हो रहा था। इसके लगातार उपयोग से खेत कुछ समय बाद बंजर हो जाते थे। फिर से किसानों में जैविक खाद्य गोबर खाद्य के उपयोग को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। ग्राम बेवरती के बिहारी राम नेताम ने जैविक खाद्य का उपयोग अपने 4 एकड़ खेतों में धान फसल के लिए किया है। किसान का कहना है कि जैविक खाद्य को लेकर काफी शंका बनी हुई थी लेकिन इससे धान के पौधों में ग्रोथ काफी अच्छा दिख रही गांव के श्रवण मंडावी ने कहा कि जैविक खेती करने से भी अच्छा उत्पादन होता है।
ग्राम बारदेवरी के लगनुराम प्रधान ने कहा कि गत वर्ष के बारिश से खरीफ फसल में जैविक खाद्य का ही उपयोग किया था जिससे उत्पादन भी अच्छा हुआ है। ग्राम नारा के गंगाधर सिन्हा ने कहा अभी रबी में 2 एकड़ में धान फसल लगाया है और एक एकड़ में सब्जी फसल लगाया है।
इसमें जैविक खाद्य के साथ गोबर खाद्य डाला गया है। रासायनिक खाद्य की अपेक्षा कम खर्चे में काम चल जाता है। सभी किसानों को अब रासायनिक खाद्य को छोड़कर जैविक खाद्य का ही उपयोग करना चाहिए। ग्राम बागोडार के कृषक श्रीराम जैन भी अपने बाड़ी में जैविक खाद्य डालकर सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं।
^गोबर जैविक खाद्य को किसान अपने जमीन पर भी तैयार कर सकते हैं। प्राकृतिक खाद्य में कार्बन की मात्रा काफी अधिक रहती है जो जमीन के लिए काफी उपयोगी है। रासायनिक खाद्य को लगातार उपयोग करते रहने से जमीन बंजर हो जाती है। गोबर जैविक खाद्य मृदा स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इससे जमीन उपजाऊ बनी रहती है। जैविक खाद्य रासायनिक की अपेक्षा सस्ती भी पड़ती है। -डा बीरबलसाहू, समन्वयक, कृषि विज्ञान केंद्र कांकेर
साभार दैनिक भास्कर