जलवायु परिवर्तन में मददगार साबित होगा केंचुआ
लंदन| शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में इस बात का दावा किया है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए केंचुआ काफी मददगार साबित होगा| चार साल तक चले इस अध्ययन में पाया गया है कि 30 करोड साल से धरती पर बसने वाले केंचुओं का उपयोग बाढ़ तथा सूखा दोनों को रोकने में मदद कर सकते हैं|
अध्ययन से इस बात की जानकारी मिली है कि एक औसत केंचुआ अपने वजन के अनुसार एक तिहाई तक मिट्टी को खोद डालता है, जिससे मिट्टी में जल को सोखने की क्षमता बढ़ जाती है। जब यही काम लाखों केंचुए करेंगे तो बाढ़ की स्थिति में धरती पानी को सोखने में ज्यादा समर्थ होगी और सूखे के समय यह काम आयेगा|
अध्ययन दल के अगुवा डॉ. क्रिस स्टोएट ने बताया कि केंचुआ द्वारा खोदे जाने वाली मिट्टी पानी को बेहतर ढंग से सोखती है और नहीं खोदे जाने वाली मिट्टी की तुलना में पानी सोखने का दर चार से दस गुना बेहतर होता है| तो अगर देखा जाये तो केंचुआ आने वाले दिनों में बाढ़ और सूखे से बचने में काफी मददगार साबित होगा और इसका सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होगा|