हाय रे बारिश खेतों में पड़ने लगी दरारें, किसान परेशान
धान की रोपाई भी नहीं कर पा रहे हैं। कई खेतो में तो दरारे पड़ने शुरू हो गई है। इस बार दो आषाढ़ का महिना रहा लेकिन दोनों में पर्याप्त बारिश नहीं हो पाई। अब किसानों को सावन से ही उम्मीद है। अगर सावन ने सहारा नहीं दिया तो फसल खराब हो जाएगी। किसानों का मानना है कि यदि सप्ताह भर के भीतर पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो धान की फसल को नुकसानहो सकता है। जिले में अभी तक बियासी और रोपाई का काम 70 फीसदी पूरा हो जाना था, लेकिन खण्ड वर्षा के कारण खेतों में पानी की कमी है। बारिश पर आश्रित किसान पानी को लेकर चिंतित हैं। पिछले सप्ताह भर से बारिश नहीं होने से किसानों को चिंता सताने लगी है।
पिछले साल से कम बारिश
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि जुलाई के अंत तक 600 मिमी बारिश होनी थी। तभी बियासी और रोपा के काम में तेजी आती, लेकिन 400 मिमी पानी ही गिरा है। इसलिए खेती किसानी मंद पड़ गई है और किसान एक बार फिर चिंतित हो उठे हैं। धान की फसलों को अभी 30 फीसदी और पानी की दरकार है। उपसंचालक कृषि विभाग बालोद यशवंत केराम का कहना है कि कम बारिश के चलते खेती किसानी प्रभावित हो रही है। अच्छी बारिश होने पर ही बियासी करना ठीक होगा।