फसलों में रोगों की रोकथाम के उपाय बताए
कृषिअधिकारियों के दल ने शनिवार को करीब छह गांवों का दौरा किया। तथा किसानों को सब्जियों की फसलों में लगने वाले रोगों रोकथाम के उपायों की जानकारी दी।
सहायक कृषि अधिकारी राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने कांदोली, सराय, भांडारेज का दौरा कर टमाटर, भिंडी, लौकी, करेला, ककड़ी कद्दू सहित बांडियों की बेलदार सब्जियों की फसलों का निरीक्षण कर उनमें लग रहे रोगों उनके रोकथाम के उपायों की किसानों को जानकारी दी। सहायक कृषि अधिकारी ने किसानों को बताया कि खड़ी फसलों में लगने वाले रोगों पर काबू पाया जाना मुश्किल नहीं होता है। रोकथाम के लिए किसानों को फसल बोने से पहले बीजोपचार करना चाहिए। उन्होंने टमाटर में फली छेदक की रोकथाम के लिए मिथाइल पैराथियान दवा के छिड़काव की सलाह दी। कृषि पर्यवेक्षक रामधन मीना ने फसल में दीमक नियंत्रण के लिए क्लोरोपाइरीफॉस 20 ईसी 4 लीटर दवा का घोल बनाकर सिंचाई के साथ दिए जाने की सलाह दी। टमाटर के पौधों में लगने वाले जड़, गलन, माथा बंधी पीले पड़ने वाले पौधों की रोकथाम के लिए पौध लगाने से पूर्व 20 किलो प्रति हैक्टेयर की दर से जिंक सल्फेट खेतों में डालने की सलाह दी।
किसफसल के लिए कौनसी दवा कारगर
कृषिपर्यवेक्षक नवाब चौधरी ने भिंडी के पौधों में लग रहे फली छेदक की रोकथाम के लिए ईमीडा़ क्लोरोसिस दवा का घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी। कृषि पर्यवेक्षक कैलाश चंद मीना ने मिर्च की फसल में लगने वाले छाछया, श्यामव्रण, पर्णजन मोजेक रोगों की रोकथाम के लिए मैलाथियान 50 ईसी दवा का घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी। इस दौरान किसान नानगराम सैनी, किशनलाल सैनी, रामजीलाल, नानगराम, रामगोपाल, रामजीलाल जयसिंह सहित कई किसान मौजूद थे।