रबी की फसल की बुबाई के समय रखें सावधानियाँ
Submitted by Aksh on 22 October, 2016 - 06:24
इन फसलों की बोआई के समय कम तापमान तथा पकते समय शुष्क और गर्म वातावरण की आवश्यकता होती हैं। ये फसलें सामान्यतः अक्टूबर-नवम्बर के महिनों में बोई जाती हैं। रबी में सिंचाई के लिए हमें नलकूप तालाब कुवे और भूमिगत जल संसाधनों पर आश्रित रहना पड़ता हैं । इस बार रबी के मौसम में सूखे की संभावना बहुत हैं इस लिए किसान भाई अपनी खेती की कार्य योजना बहुत सोच समझ के बना नी हैं ।
फसल के अच्छे उत्पादन के लिए इस प्रकार योजना बनाये
- गेहूँ जैसी फसल उसी जगह बोये जहाँ आपके पास पर्याप्त पानी उपलब्ध हो अन्यथा आप तिलहन जैसी फसल का चुनाव करे जेसे की :- मसूर , सरसों, असोबगुल ,चना, मटर आदि
- अपने खेतों में जैविक गोबर खाद को ज्यादा से ज्यादा महत्व दे क्यों की ये खेती की मिट्टी में जैविक और पौष्टिक तत्व को विकसित करती हैं
- यदि आपके पास पानी पर्याप्त हैं तो पहले खेत को गिला कर के फिर जुताई कर के बुआई करे ताकि निंदाई खुदाई के पैसे आपके बच सके
- गेहूँ जैसी फसल में यदि पिछले साल की सोयाबीन या फिर अन्य फसल उगती हैं तो उन्हें आप दवाई के छिड़काव कर के नष्ट कर दे ।
- दोस्तों इस बार आप फसल चक्रण पर भी विशेष ध्यान दे । कम से कम 3 वर्ष के अंतराल जरूर रखे ।