आर्थिक समृद्धि का द्वार खोलेगा सहजन की खेती
औषधीय गुणों से भरपूर सहजन की खेती किसानों के लिए फायदेमंद है। कृषि वैज्ञानिकों ने सहजन का साल में दो बार फलने वाला प्रभेद भी तैयार किया है। इसे लोग मुनगा व मोरिंगा नाम से भी जानते हैं।
किसानों के लिए सहजन की खेती काफी लाभदायक है। छोटे किसान भी सहजन की खेती कर आर्थिक रूप से समृद्ध बन सकते हैं। खास बात यह कि सरकार इसके लिए ऋण भी उपलब्ध कराने को तैयार है।
तीन सौ पेड़ से कम से कम 24 क्विंटल सहजन प्राप्त किया जा सकता है। जिसका बाजार मूल्य करीब 50 हजार रुपया माना जाता है। ज्योति विवेकानंद संस्थान की प्रबंधक ज्योति मिश्रा बताती है कि एक बार 10 कट्ठा जमीन पर इस पौधा को लगाने में करीब 21 हजार रुपए खर्च आता है। जबकि किसान इससे आठ से दस वर्षो तक आर्थिक लाभ ले सकते हैं। सरकार ने भी इसकी खेती के लिए महादलित परिवार को पौधा उपलब्ध कराने की योजना बनायी है। महादलित व गरीब परिवार को मुफ्त में इसका पौधा उपलब्ध कराया जायेगा ताकि वो स्वास्थ्य के साथ आर्थिक रूप से भी समृद्ध हो सकें।
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स्वास्थ्य के लिए अनुकूल है सहजन
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- सहजन पेड़ के जड़ का छाल पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्द ठीक होता है।
- ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने के लिए पत्ते का रस बेहद फायदेमंद है।
- सहजन का सब्जी खाने से शरीर का कफ, पित्त, बात नियंत्रित रहता है।
- सर्दी में जुकाम व नाक बंद रहने पर पत्ते को पानी में उबालकर भाप लेने से राहत मिलता है।
- सहजन में जिंक होता है जो यौन शक्ति को बढ़ाता है।
- विटामिन सी की मात्रा रहने से आंख की रोशनी ठीक रहती है।
- सहजन पाचन विकास के लिए प्राकृतिक औषधि है।
- कैंसर सहित अन्य रोग में है लाभदायक
- डब्ल्यूएचओ ने कुपोषण व भूख की समस्या से लड़ने के लिए इसे बेहतर माना है।
साभार जागरण