कमजोर मानसून की स्थिति को देखते हुए किसानों को सलाह
विलंब से मानसून एवं अल्प वर्षा की स्थिति में कृषकों को खेती-किसानी को लेकर समसामयिक सलाह दी गई है। यदि फसल की बोनी के पश्चात प्राप्त अंकुरण 50 प्रतिशत से कम हो तथा यह स्थिति 15 जुलाई के पूर्व है, तो 15 जुलाई तक पुनः बोनी की जा सकती है। 15 जुलाई से 20 जुलाई के मध्य यदि बोनी की जानी है तो 10 प्रतिशत अधिक बीज दर का उपयोग करें।
किसान भाई उपयुक्त किस्म का चयन करें जो देर से बुवाई के लिए सुझाई गई हो तथा जल्द वर्षा समाप्त होने पर हानि न हो यानि जल्द या शीघ्र पकने वाली फसलों में धान- इंदिरा सोना, पूर्णिमा, समलेश्वरी, दंतेश्वरी, नरेन्द्र धान-97, आईआर-64, आईआर-36, एमटीयू।-1010, शताब्दी, मा -जीएम-216, किरण, शक्तिमान, माहीकंचन, अरहर- टाइप-21, उपास-120, प्रगति, सम्पदा, आशा, उड़द- टी-9, पंत यू-30, बरखा, गौतम, टीयू-94-2, मूंग- के-851, पूसा विशाल, बीएम-4, एचयूएम-12 हैं।
सहकारी एवं निजी स्रोतों से विभिन्न फसलों व किस्मों के बीज उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है परंतु उन्नत किस्मों, प्रमाणित बीजों की कमी की स्थिति में कृषक विगत वर्ष में बोये गये बीज से प्रगुणित बीज का उपयोग करें। बुवाई में फास्फोटिक खाद का उपयोग जरूर करें तथा यह उर्वरक 10 से 15 प्रतिशत अधिक दें । देर से रोपाई में 4-5 पौध प्रति हील लगाएं। पौध दूरी 20ः10 सेंटीमीटर की जगह 15ः10 सेंटीमीटर रखें । यूरिया व पोटाश की टॉप ड्रेसिंग में 10 से 15 प्रतिशत अधिक मात्रा दें। नालों पर सीमेंट बोरी में बालू भरकर कच्चे बांध बनाकर जहां तक संभव हो सिंचाई किया जा सकता है।
बारिश की स्थिति
1 जून से 30 जून 2014 तक औसत वर्षा 20.6 मिमी हुई इस वर्ष की वर्षा 371.3 मिमी से 350.7 मिमी (94.5 प्रतिशत) कम है। विगत 10 वर्षों की औसत वर्षा इसी अवधि में 268.7 मिमी थी, जिससे इस वर्ष की वर्षा 248.1 मिमी कम (92.3 प्रतिशत) रहने की संभाना है