लघु और मध्यम अवधि के ऋण

आधुनिक कृषि, जो पारंपरिक खेती से अलग है, में उच्च उपज किस्मों के बीज, उर्वरक, कीटनाशकों और महंगे कृषि उपकरणों का उपयोग करने के लिए आवर्ती प्रकृति का पर्याप्त निवेश अपेक्षित है. ऐसी स्थिति में, ऋण की व्यवस्था में ऋण को उत्पादकता और अन्य सेवाओं के साथ सक्रिय रूप से जोड़ा जाना चाहिए. इसलिए उत्पादन और उत्पादकता, विपणन और अधिशेष और बचत के स्तर को ऊपर उठाना ऋण का प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए. आधुनिक प्रौद्योगिकी, संस्थागत ऋण, ढांचागत व्यवस्थाओं आदि के लाभ किसानों के सभी वर्गों को उपलब्ध होने चाहिए. इसके अलावा, आपूर्ति पक्ष पर, वास्तविक लागत के आधार पर निधियों की आवश्यकताओं का आकलन करने और उसके लिए संसाधनों जुटाने के लिए एक व्यवस्था होनी चाहिए. इसी उद्देश्य से उत्पादन ऋण के बड़े पैमाने पर वितरण के लिए सबसे उपयुक्त तंत्र के रूप में उधार देने के लिए फसल ऋण प्रणाली या उत्पादन उन्मुख प्रणाली तैयार और विकसित की गई थी.

उत्पादन ऋण विभाग (पीसीडी) ग्राहक संस्थाओं को विभिन्न प्रकार के उत्पादन, विपणन और खरीद गतिविधियों के लिए अल्पावधि पुनर्वित्त सुविधाओं, जिनका विवरण नीचे विस्तृत रूप में दिया गया है, से संबंधित कार्य करता है :

अल्पावधि (मौसमी कृषि परिचालन)

राज्य सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को उत्पादन प्रयोजनों के लिए ऋण सीमा की मंजूरी के माध्यम से रियायती ब्याज दर पर पुनर्वित्त उपलब्ध कराया जाता है. संस्वीकृत ऋण सीमा के समक्ष प्रत्येक आहरण की 12 महीने के भीतर चुकौती की जानी अपेक्षित है.

प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को उनके मौसमी कृषि परिचालनों के लिए वित्तपोषण के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और जिमस बैंकों (सीधे) को अल्पावधि पुनर्वित्त

पिछले वर्ष (2011-12) के दौरान जहाँ सहकारी बैंक कमजोर है या प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को पर्याप्त रूप में उधार देने के स्थिति में नहीं है वहाँ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के माध्यम से प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के वित्तपोषण के लिए एक नया पुनर्वित्त उत्पाद शुरू किया गया था.

अल्पावधि (अन्य)

अल्पावधि सीमा (अन्य) में विभिन्न प्रयोजन शामिल होंगे यथा अल्पावधि - कृषि और संबद्ध गतिविधियां, अल्पावधि - फसलों का विपणन, अल्पावधि - मत्स्य पालन क्षेत्र, अल्पावधि - औद्योगिक सहकारी समितियां (बुनकरों के अलावा अन्य), अल्पावधि - श्रम अनुबंध और वन श्रम सहकारी समितियों सहित लघु वन उत्पाद का संग्रहण. अल्पावधि - पैक्स / लैम्प्स / एफ़एसएस के बुनकर सदस्यों सहित ग्रामीण कारीगर, अल्पावधि - संबंधित उद्देश्यों के लिए बैंकवार आरएलपी के आधार पर रासायनिक उर्वरक और अन्य कृषि निविष्टियों की खरीद, भंडारण और वितरण. यह सीमा राज्य सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए स्वीकृत की जाती है.

मध्यावधि रूपांतरण

नाबार्ड, जिन किसानों की फसल प्राकृतिक आपदाओं के कारण क्षतिग्रस्त हुई हैं, उनके मौजूदा अल्पावधि कृषि ऋण को मध्यावधि ऋण में बदलकर तथा वर्तमान मध्यावधि ऋण का पुनः चरणीकरण और ऋण की चुकौती की अवधि का पुनःनिर्धारण के माध्यम से उन्हें राहत प्रदान करता है. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और पात्र जि म स बैंकों के संबंध में राज्य सहकारी बैंकों को समेकित सीमा मंजूर की जाएगी.

अल्पावधि (बुनकर)

अल्पावधि (बुनकर) के तहत निम्नानुसार पुनर्वित्त सहायता उपलब्ध है:

  1. राज्य सहकारी बैंकों / जिमस बैंकों के माध्यम से प्राथमिक / शीर्ष / क्षेत्रीय बुनकर सहकारी समितियों की कार्यशील पूंजी अपेक्षाएँ
  2. अनुसूचित वाणिज्य बैंक के माध्यम से प्राथमिक बुनकर सहकारी समिति की कार्यशील पूंजी अपेक्षाएँ
  3. अनुसूचित वाणिज्य बैंकों और राज्य सहकारी बैंकों के माध्यम से राज्य हथकरघा विकास निगम की कार्यशील पूंजी अपेक्षाएँ
  4. अनुसूचित वाणिज्य बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के माध्यम से व्यक्तिगत बुनकरों, हथकरघा बुनकर समूह, मास्टर बुनकरों, पारस्परिक रूप से सहायता प्राप्त सहकारी समितियों और सहकारी क्षेत्र के बाहर की समितियां और निर्माता समूह की कार्यशील पूंजी और विपणन की अपेक्षाएँ