मिनी कामधेनू डेयरी योजना

मिनी कामधेनू डेयरी योजना  (50 दुधारू पशु गाय/भैंस)

 परिचय

  • उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश है।
  • प्रदेश में देश का 10.5 प्रतिशत गोवंश एवं 27 प्रतिशत महिषवंश है यद्यपि प्रदेश वर्ष 2013-14 में 241.939 लाख मीट्रिक टन दुग्ध उत्पादन कर देश में प्रथम स्थान पर है। लेकिन प्रदेश में प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता कम है।इसका मुख्य कारणप्रदेश में उच्च गुणवत्ता युक्त पशुओं का कम होना है।
  • उच्च गुणवत्ता युक्त पशुधन की कमी को दृष्टिगत रखते हुये पशु पालन के क्षेत्र में उद्यमिता के विकास हेतु ब्याज मुक्त इकाईयां स्थापित की जाये। जिसके लिये प्रदेश सरकार ने  में उच्च गुणवत्ता के पशुओं की 50 दुधारू पशुओ की डेयरीयूनिट स्थापित करने की योजना पारम्भ की गई है।  योजना में पशुधन का क्रय प्रदेश के बाहर से किया जायेगा।
  • योजना अन्तर्गत 2500 मिनी  कामधेनू डेयरी इकाईयो की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिनकी स्थापना 31 मार्च 2015 तक किया जाना निर्धारित है।

 

  योजना के उद्देश्य

  • प्रदेश में उच्च उत्पादन क्षमता के पशुओं की उपलब्धता एवं उत्पादन सुनिश्चित करना।
  •  प्रदेश में उच्च उत्पादक दुधारू पशुओं के सेन्टर आफ एक्सेलेन्स निर्मित करना ।
  • पशुपालकों को भविष्य में उच्च गुणवत्ता के पशुओं की प्रदेश में ही उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • छोटे एवं मध्यम पशुपालकों को कामधेनू योजना से जोड़ने हेतु मिनी कामधेनू योजना ली गयी है। 

 

  योजना के मुख्य बिन्दु :

 

  • प्रदेश में 50 दुधारू गाय/भैंसों की  डेयरी इकाईयां स्थापित की जायेगी।
  • दुधारू गायों में संकर जर्सी, संकर एच0एफ0 अथवा साहीवाल प्रजाति की गाय होंगी तथा भैंसों में केवल मुर्रा भैंस ही रखी जायेगी।
  • 50 दुधारू पशुओं की एक यूनिट स्थापित करने हेतु पशुपालक अपनी सुविधानुसार यह स्वयं निर्धारित करेगा कि उसे यूनिट में समस्त गाय रखनी है या समस्त भैंसें रखनी है अथवा गायें/भैंसें दोनो कितनी-कितनी संख्या में रखनी है। परन्तु गोवंश एक ही प्रजाति का होना अनिवार्य है।
  • पशुओं का क्रय प्रदेश के बाहर से किया जायेगा।
  • लाभार्थी के पास शेड आदि बनाने की भूमि के अतिरिक्त कम से कम एक एकड़ भूमि होना आवश्यक है।
  • एक इकाई की कुल लागत रू0 52.35 लाख है, जिसमें 50 दुधारू पशुओं का क्रय,पशु गृहो एवं भूसा गोदाम आदि का निर्माण सम्मिलित है।
  • यूनिट की पूर्ण लागत का 25 प्रतिशत धनराशि रू0 13.09 लाख लाभार्थी को स्वयं वहन करनी होगी एवं 75 प्रतिशत धनराशि रू0 39.26 लाख बैंक ऋण के माध्यम से प्राप्त की जा सकेगी।
  • योजना लागत के 75 प्रतिशत पर या लाभार्थी द्वारा बैंक से प्राप्त ऋण पर जो भी कम हो 12 प्रतिशत ब्याज की दर से अधिकतम रू0 14.14 लाख की धनराशि की प्रतिपूर्ति 5 वर्षों (60 माह) तक प्रदेश सरकार द्वारा की जायेगी।
  • पशुपालन विभाग उ0प्र0 में योजना के लिये एक नोडल अधिकारी नामित है जिनका फोन नं0 0522-2740010 एवं ईमेल kamdhenuyojana2015@gmail.com है।

 

   योजना की लागत :

 

  1. पूंजीगत व्यय : पशुओ का क्रय
  2. 50 दुधारू पशु, 1 मुर्रा सांड-परिवहन एंव बीमा सहित)                  रू0 4011360.00
  3. अवस्थापना व्यय :
  4. पशु गृह भूसा गोदाम एवं अन्य भवन)                             रू0 938500.00
  5. उपकरण पर व्यय
  6. पावर चेफ कटर, जेट पम्प एंव मिल्किंग मशीन आदि)                रू0 285000.00
  7.  योग (1+2+3)                                          रू0 5234860.00
  8. अर्थात रू0 52.35 लाख