खेती की कम करे लागत कैसे करें तेल की बचत

वाटर फॉर

किसान हेल्प लाइन के किसान जागरूपता कार्यक्रम में किसानो को खेती की बदती लागत को कम करने के बारे जानकारिय दी गयी और खेती में सबसे उपयोगी घटक पानी की बचत करने के गुर बताये गए हमारे अनुभाबी टीम ने किसानो से को बताया कि खेती में खनिज तेल की बहुत ज्यादा खपत है. तेल के दाम दिन प्रतिदिन बढते ही जा रहे है अतः यह आवश्यक हो गया है की इनका उपयोग किफ़ायत के साथ किया जाए. किसान भाइयो को ट्रेक्टर और इंजनों में डीजल की खपत कम करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. ये बातें निम्न हैं:

  1. प्रत्येक ट्रेक्टर और इंजन का निर्माता नए मशीन के साथ निर्देश पुस्तिका देता है. मशीनों के उपयोग करने से पहले उसकी निर्देश पुस्तिका को ध्यान से पढ़ें और उसमे लिखी सलाह के अनुसार ही मशीन का प्रयोग करें.
  2. इंजन  चालू  करने  पर यदि टैपित का शोर  सुने पड़ता है तो इसका मतलब है इंजन में  हवा कम जा रही है जिसके कारण डीजल की खपत बढ़ जाएगी .इसलिए टैपित से आवाज़ आने पर उसे फिर से बंधवाना चाहिए.
  3. इंजन से काला धुआं निकलने का मतलब है ज्यादा डीजल खर्च हो रहा है. इंजेक्टर या इन्जेक्सन पम्प की कोई खराबी इसका कारण हो सकती है. अतः ट्रैक्टरों में ६०० घंटे प्रयोग के बाद इंजेक्टर की जाँच करवा कर उसे फिर से बन्धवाएँ.
  4. इंजन से कम लेना शुरू करने पर  कुछ काला धुआं निकलता है पर यह जल्दी ही स्वयं साफ हो जाता है. यदि इंजेक्टर और इन्जेक्सन पम्प ठीक होने पर भी काला धुआं लगातार निकलता रहे तो यह इंजन पर पड़ रहे अतिरिक्त बोझ की निशानी है. अतः काम के बोझ को उतना ही रखें जिससे इंजन काला धुआं न दे तथा डीजल भी ज्यादा न फुकें.
  5. ठन्डे इंजन से काम लेने पर उसके पुर्जों में घिसावत ज्यादा होती है और डीजल भी अधिक खर्च होता  है. अतः इंजन चालू करने के बाद तुरंत ही उससे काम लेना शुरू न करें.
  6. ट्रैक्टर के पहियों में हवा कम  होने से डीजल की खपत बढती है. इसलिए पहियों में हवा का सही दवाब रखे.इसलिए निर्देश पुस्तिका में दिए गए सुझाव के अनुसार ही पहियों में हवा हा दवाब रखे.
  7. ट्रेक्टर को इस प्रकार प्रयोग करें जिससे खेत के किनारों पर घूमने में कम समय लगे और खेत में अधिक समय कार्य हो सके. जैसे की चौड़ाई के बजाए लम्बाई में कार्य करने से ट्रेक्टर का खली घूमना कम होगा और डीजल की खपत भी कम होगी.
  8. पम्प सेट या थ्रेशर इत्यादि चलने के लिए डिजन इंजनों को उतने ही चक्करों पर चलाए जिससे मशीन को पुरे चक्कर मिल सके. इन मशीनों को ज्यादा चक्करों पर चलने से डीजल खर्च के साथ साथ टूट-फुट होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है.
  9. पम्प सेट में ज्यादा बड़ा या छोटा पम्प या इंजम प्रयोग करने से ज्यादा डीजल फुकता है और पानी कम मिलता है. अतः जल की उपलब्धि के अनुसार ही सही इंजन और पम्प का चुनाव करें जो कम खर्च में ज्यादा पानी दे.
  10. अधिक् दुरी से पानी खिचने में पम्प सेट ज्यादा डीजल खर्च करता है. इसलिए पम्प सेट को पानी की सतह के करीब से लगाकर खर्च में बचत करें.
  11. पम्प को चलने वाले पट्टे (बेल्ट) के फिसलने से डीजल का खर्च बढ़ता है. अतः पट्टे को सही कास कर रखे. पट्टे में कम से कम जोड़ हो तथा इसे और घिर्नियों को एक सिद्ध में रखे.
  12. पम्प सेट से पानी बहार फेंकने वाले नल को जितना ज्यादा उठाया जाएगा तो उतना ही अधिक डीजल खर्च होगा. इसे उतना ही ऊँचा उठाए जितना की आवश्यक हो.
  13. इंजन का मोबिल आयल ज्यादा पुराना होने पर उसकी शक्ति घटने लगती है तथा डीजल ज्यादा खर्च होने लगता है. इसलिए निश्चित समय परिंजन के मोबिल आयल और फ़िल्टर को जरुर बदले