किसान

कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से सम्बंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लोग कृषि के कार्य को करके अपनी जीविका उपार्जन करते है उन्हें किसान कहते है 
किसानो को निम्न बिन्दुओ से भी जाना जा सकता है 

1. जो फसलें उगाते हैं।

2. कृषक (farmer)

3. खेतिहर – खेती करने वाला।

4. जो खेत और फसल में अपना योगदान देते हैं।

5. जिनके पास स्वयं के खेत है और दूसरे कामगारों से काम करवाते हैं, किसान हैं।

6. किसान खेतों में पसीना बहाकर अन्न उपजाते हैं

अनियमित बारिश से खरीफ खेती प्रभावित, किसान परेशान, इस माह अच्छी बारिश होने का अनुमान

अनियमित बारिश से खरीफ खेती प्रभावित

मानसून पूरे देश पर छा गया है, लेकिन कहीं भारी तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। देश का कुछ हिस्सा अभी भी सूखे जैसी स्थिति से जूझ रहा है। इसके चलते खरीफ सीजन की फसलों की बोवाई प्रभावित हुई है, जिससे खेती की रफ्तार पिछले साल के मुकाबले पीछे चल रही है। भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने अगस्त माह में अच्छी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है।

सरकार ने बढ़ाई उर्वरक सब्सिडी, सीधे किसानों को मिलेगा फायदा

सरकार ने बढ़ाई उर्वरक सब्सिडी, सीधे किसानों को मिलेगा फायदा

पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें वित्त वर्ष 2019-20 के लिए गैर यूरिया आधारित उर्वरकों (फॉस्‍फेटिक और पोटाशिक) की सब्सिडी को बढ़ाने की मंजूरी दी गई। इसके तहत सरकार की तरफ से 22,875 करोड़ रुपए खर्च की इजाजत दी गई।

उर्वरक सब्सिडी का सीधा फायदा किसानों को मिलेगा। हालांकि प्रतिकिलो सब्सिडी दरें वही रहेंगी जैसी वर्ष 2018-19 में थी। सरकार की तरफ से सब्सिडी की शुरुआत 2010 में की गई थी। इसके तहत सब्सिडी वाले फॉस्फेट और पोटाश उर्वरकों के प्रत्येक ग्रेड पर एक निश्चित राशि सब्सिडी के तौर पर दी जाती है। यह सब्सिडी सालाना आधार पर दी जाती है।

किसानों का 579.03 करोड़ रुपये कर्ज हुआ माफ, 94 हजार से ज्यादा को मिला फायदा

किसानों का 579.03 करोड़ रुपये कर्ज हुआ माफ, 94 हजार से ज्यादा को मिला फायदा

मुख्यमंत्री फसली ऋण मोचन योजना संपन्न हो गई है। बिजनौर जिले के किसानों को इस योजना से बहुत फायदा हुआ है। जिले के किसानों का 579 करोड़ रुपये योजना में माफ हुआ है। योजना की केवल एक ही किस्त आनी बाकी है। इस योजना की वजह से जिले के 94 हजार से ज्यादा किसानों का कर्जा माफ हुआ है या उन्हें कर्ज माफी में मदद मिली है।

राज्यों के सहयोग के बगैर कृषि क्षेत्र में सुधार संभव नहीं

राज्यों के सहयोग के बगैर कृषि क्षेत्र में सुधार संभव नहीं

कृषि क्षेत्र में सुधार की सख्त जरूरत है, जिसमें राज्यों का दायित्व ज्यादा है। कृषि को घाटे से उबारने और नई दिशा देने के लिए एक नई नीति की तत्काल जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर गठित मुख्यमंत्रियों की उप समिति ने बृहस्पतिवार को अपनी पहली बैठक में इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया। कृषि क्षेत्र में निवेश न होना सबसे बड़ा संकट है, जिसे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

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