kisan

कृषि खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य और अन्य सामान के उत्पादन से सम्बंधित है। कृषि एक मुख्य विकास था, जो सभ्यताओं के उदय का कारण बना, इसमें पालतू जानवरों का पालन किया गया और पौधों (फसलों) को उगाया गया, जिससे अतिरिक्त खाद्य का उत्पादन हुआ। इसने अधिक घनी आबादी और स्तरीकृत समाज के विकास को सक्षम बनाया। कषि का अध्ययन कृषि विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लोग कृषि के कार्य को करके अपनी जीविका उपार्जन करते है उन्हें किसान कहते है 
किसानो को निम्न बिन्दुओ से भी जाना जा सकता है 

1. जो फसलें उगाते हैं।

2. कृषक (farmer)

3. खेतिहर – खेती करने वाला।

4. जो खेत और फसल में अपना योगदान देते हैं।

5. जिनके पास स्वयं के खेत है और दूसरे कामगारों से काम करवाते हैं, किसान हैं।

6. किसान खेतों में पसीना बहाकर अन्न उपजाते हैं

भारत में बढ़ी जैविक खेती - कृषि मंत्री

भारत में बढ़ी जैविक खेती

परंपरागत कृषि विकास योजना ऐसी पहली विस्तृत योजना है, जिसे केन्द्र द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम के रूप में शुरू किया गया है। इस योजना का कार्यान्वयन राज्य सरकारें कर रही हैं, जिसका आधार प्रत्येक 20 हेक्टेयर खेत को निर्धारित किया गया है और इसके संबंध में क्लस्टर बनाए गए हैं।
राधा मोहन, कृषि मंत्री

धान पर टिड्डियों का हमला

धान पर टिड्डियों का हमला

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के माहिरों को सर्वेक्षण में पता चला है कि धान और बासमती के कुछ खेतों में टिड्डियों का हमला हुआ है।

माहिरों ने सलाह दी है कि पीएयू की सिफारिशों के अनुसार इस हमले को रोकने के लिए फसलों पर दवा का छिड़काव किया जाए।

 

पंजाब में सफेद पीठ और भूरी पीठ वाला टिड्डा धान की फसल का नुकसान करता है। यह टिड्डे पौधे के तने के पास ही रस चूसते हैं और अक्सर दिखाई नहीं देते। इनके हमले से पौधे के पत्ते ऊपरी तरफ से पीले पड़ने शुरू हो जाते हैं और धीरे धीरे सारा पौधा सूख जाता है। 

 

भारत में जीएम सरसों पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

 भारत में जीएम सरसों पर  सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

किसानों के लिए बड़ी खबर है। जीएम सरसों अब बाजार में नहीं आएगी। सुप्रीम कोर्ट ने भारत में जीएम सरसों के बीजों को बाजार में लाने से रोक लगा दी है। जेनेटिकली मॉडिफाइड सरसों का बीज 17 अक्टूबर को बाजार में लॉन्च होनी थी।

केले के थंब के रेशे से होगा कागज निर्माण

केले के थंब के रेशे से होगा कागज निर्माण

बिहार में जल्द ही केले के थंब से कागज निर्माण शुरू होगा। शुरुआती चरण में केले के अधिक उत्पादन वाले आधा दर्जन से अधिक जिलों में उद्योग लगेंगे। बाद में अन्य जिलों में भी केले की खेती बढ़ा कर इस पर अमल किया जाएगा। उद्योग लगाने में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क), मुम्बई के वैज्ञानिकों से सहयोग लिया जा रहा है।

 

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