जैविक कृषि सुरक्षा

ऊर्जा से भरपूर भोजन के लिए खेतों में पोषक तत्व जरूरी

ऊर्जा से भरपूर भोजन के लिए खेतों में पोषक तत्व जरूरी

थाली में ऊर्जा से भरपूर भोजन के लिए खेती को भी भरपूर पोषक तत्व मिलना जरूरी है, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा। नतीजा मानव को बीमारियां घेर रही हैं। यह विचार शुक्रवार को दीनदयालधाम स्थित मधुकर सभागार में आयोजित ‘मेरा गांव मेरा गौरव’ प्री रवि किसान गोष्ठी में वैज्ञानिकों ने व्यक्त किए।

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान करनाल हरियाणा के निदेशक डॉ. डीके शर्मा ने खेतों को थाली में रखे भोजन से जोड़ कर किसानों को जमीन, जल और वायु को बेहतर बनाने के सहयोग में जुटने को कहा। उन्होंने कहा, थाली में रखे भोजन में पोषक तत्वों की कमी के कारण ही बीमारियां मानव को घेर रहीं हैं। 

पान पर कीटों के प्रकोप से फसल तबाह

पान पर कीटों के प्रकोप से फसल तबाह

पान के पत्ते हो रहे दागदार, सड़कर गिर रही बेलेंपान की पूरी फसल कीटों के प्रकोप से बर्बाद हो गई है। कभी प्रकृति प्रकोप तो कभी कीटों के कहर से पान किसान बुरी तरह टूट गए हैं। पान किसानों की माली हालत खराब हो गई है। अनुमान के तौर पान किसानों को करीब एक करोड से अधिक का नुकसान हुआ है। पान किसानों ने बताया कि पान की खेती उनकी आजीविका का एक मात्र साधन है पूरी खेती खराब हो जाने से वे रोजी रोटी के लिए मोहताज हो जाएंगे। पान किसानों की परेशानी व दर्द से जनप्रतिनिधि व अधिकारी पूरी तरह से उदासीन बने हैं। बहरहाल कुल जमा पूंजी लगाकर अपनी मेहनत के पसीने से पान के बरेजे लगाने वाले किसान पान की चौपट हो रही फसल

फसल में रोग व कीट नियन्त्रण

सामग्री

गौमूत्र                                              10 ली. (देशी गाय)                                                      

गाय का गोबर                                    5 कि. ग्रा.

हल्दी                                               250 ग्राम

लहसुन का पेस्ट                               250 ग्राम

पानी                                             5 लीटर

मिट्टी के लिए कृषि रसायन कितने सुरक्षित हैं

कृषि रसायन

इसमें सन्देह नहीं कि निरन्तर बढ़ती जनसंख्या के लिए भोजन उपलब्ध कराने हेतु भूमि के प्रति इकाई भाग से अधिकाधिक उपज लेना अनिवार्य हो गया है। कृषि के पुराने तरीके बढ़ती खाद्य सामग्री की मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं थे। फलस्वरूप कृषि के आधुनिक तरीकों (जिनमें रासायनिक उर्वरक तथा कीटनाशी रसायनों का उपयोग भी शामिल है) को अपनाना आवश्यक समझा गया। यह सच है कि फसलों से अच्छी उपज लेने के लिये रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशी रसायनों के अतिरिक्त अन्य कोई साधन तुरन्त कारगर नहीं हैं किन्तु इन विषैले रसायनों के प्रति सजग और सचेष्ट रहना समय की मांग है।

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